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Menstrual Leave: मासिक धर्म अवकाश की याचिका खारिज, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा

Menstrual Leave:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महिलाओं को मासिक धर्म अवकाश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इससे महिलाओं को नुकसान होगा।

Menstrual Leave: मासिक धर्म अवकाश की याचिका खारिज, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा
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By Ragib Asim

Menstrual Leave: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महिलाओं को मासिक धर्म अवकाश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इससे महिलाओं को नुकसान होगा। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने अधिवक्ता शैलेंद्र त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया।

कोर्ट ने क्या कहा?

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला नीतिगत है और इसे कोर्ट द्वारा नहीं सुलझाया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि मासिक धर्म अवकाश अनिवार्य करने से महिलाओं को नौकरी मिलने में दिक्कत हो सकती है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, "हम ऐसा नहीं चाहते। महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए हम जो कुछ भी प्रयास करते हैं, वह उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। यह सरकारी नीतिगत पहलू है। इसपर गौर करना कोर्ट का काम नहीं।"

सरकार को निर्देश

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव से संपर्क करने की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि सचिव इस मुद्दे को नीति स्तर पर देखें और सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद निर्णय लें। कोर्ट ने केंद्र को राज्य सरकारों के साथ परामर्श करने का निर्देश दिया और राज्यों को अवकाश पर स्वतंत्र निर्णय लेने की छूट दी।

क्या है मामला?

पिछले साल कोर्ट ने छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए मासिक धर्म अवकाश की मांग वाली याचिका का निपटारा किया था और याचिकाकर्ताओं को केंद्र के समक्ष अपना पक्ष रखने की अनुमति दी थी। तब CJI के साथ पीएस नरसिम्हा और पारदीवाला की पीठ ने तर्क दिया था कि मामले में नीतिगत आयाम है, इसलिए याचिकाकर्ता केंद्र सरकार के समक्ष अभिवेदन दायर कर सकता है। याचिकाकर्ता ने सोमवार को कोर्ट को बताया कि केंद्र ने आजतक कोई जवाब नहीं दिया।

किन देशों में मिलता है मासिक धर्म अवकाश?

जापान, दक्षिण कोरिया, स्पेन, इंडोनेशिया, ताइवान, जाम्बिया में सरकारी कानून के जरिए मासिक धर्म अवकाश दिया जाता है। इटली, फिलीपींस और ऑस्ट्रेलिया की कुछ कंपनियां भी महिलाओं को सवेतन छुट्टी देती हैं। कुछ देशों में महीने में 1, कुछ में 2 तो कुछ में सालाना 3 से 5 छुट्टी देने का कानून है। महिलाओं के लिए मासिक धर्म अवकाश की यह याचिका भले ही खारिज हो गई हो, लेकिन यह मुद्दा नीतिगत स्तर पर विचारणीय बना रहेगा।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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