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UP Honour Killing: मथुरा में इश्क लड़ाने वाले आगरा के युवक को परिजनों ने पीटकर मार डाला

UP Honour Killing: उत्तर प्रदेश के इस पवित्र शहर में आगरा के एक युवक की उसकी प्रेमिका के परिवार ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी...

UP Honour Killing: मथुरा में इश्क लड़ाने वाले आगरा के युवक को परिजनों ने पीटकर मार डाला
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UP Honour Killing

By Manish Dubey

UP Honour Killing: उत्तर प्रदेश के इस पवित्र शहर में आगरा के एक युवक की उसकी प्रेमिका के परिवार ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

मृृृतक गोविंद कुमार का शव मथुरा में एक खेत से बरामद किया गया था। वह मथुरा के सौन गांव की रहने वाली 20 वर्षीय राखी के साथ रिश्ते में था।

उसका फोन आने पर गोविंद उसके घर गया, जहां उसे नंगा कर खुले मैदान में एक पेड़ से बांध दिया गया और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच से पता चलता है कि यह घटना ऑनर किलिंग से जुड़ी है।

थाना प्रभारी पुष्पेंद्र कुमार ने कहा, "लड़की, उसके पिता शिव सिंह और भाई सुनील सिंह के खिलाफ दर्ज शिकायत के आधार पर, हमने आईपीसी की धारा 201 (अपराध के सबूत मिटाना) और 302 (हत्या) के तहत मगोरा पुलिस स्टेशन प्राथमिकी दर्ज की है।"

उन्होंने कहा, "आरोपियों ने अपराध कबूल कर लिया है और अदालत के आदेश के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।" पुलिस सूत्र बताते हैं कि लड़की के पिता और भाई ने गोविंद को बहला-फुसलाकर अपने घर बुलाया था।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "पोस्टमाॅर्टम जांच से पता चला कि गोविंद को लाठियों से पीटा गया था, इसके परिणामस्वरूप उसकी खोपड़ी और अंगों में कई फ्रैक्चर हुए थे।" मृतक के छोटे भाई सतेंद्र कुमार ने कहा, ''मेरे भाई की हत्या सोच-समझकर की गई है।''

क्या बनती हैं स्थितियाँ?

इस तरह के मामलों में अक्सर देखा जाता है की बालिग़ लड़का लड़की की रजामंदी के विपरीत परिवार विरोध में खड़े हो जाते हैं. नतीजा भी अक्सर यही होता है जैसा गोरखपुर, घाटमपुर, प्रयागराज या हमीरपुर में हुआ था. चाँद तक तरक्की कर चुका भारत उर्फ़ इंडिया के लोग प्यार प्रेम करते तो हैं, बशर्ते फिल्मों तक सीमित रखते हैं. बात अगर अपने तक आये तो गोविन्द, अशोक या अशरफ मर्डर केस का नाम देकर दर्ज हो जाता है.

आवेश छोड़ें समझदार बने

समय बदल चुका है. हमारा कल्चर पहनावा और भी बहुत कुछ बदल चुका है. ऐसे में टीवी के बाद रही सही कसर मोबाइल ने पूरी कर दी. अब ऐसे मामलों में व्यक्ति किसी टीवी वाले किरदार सरीखा जाहिल नजर न आये बल्कि मसले को ठंडे दिमाग़ से हल करने का प्रयास करना चहिये. न की वारदात को अंजाम देकर बची जिंदगी जेल में काटे. इससे परिवार भी तबाह होते हैं. इसलिए हमारी सलाह है समझदारी से काम लेना चहिये.

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