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Karnataka High Court: शादी के बाद पत्नी मांग सकती 'आधार' की जानकारी? जानें हाईकोर्ट ने क्या कहा

Karnataka High Court: क्या पति या पत्नी (Husband – wife) को अपने साथी के AADHAR कार्ड की जानकारी हासिल करने का अधिकार है? हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) में हुई एक याचिका (petition) पर सुनवाई के दौरान इस सवाल का जवाब मिल गया है।

Karnataka High Court: शादी के बाद पत्नी मांग सकती आधार की जानकारी? जानें हाईकोर्ट ने क्या कहा
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By Ragib Asim

Karnataka High Court: क्या पति या पत्नी (Husband – wife) को अपने साथी के AADHAR कार्ड की जानकारी हासिल करने का अधिकार है? हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) में हुई एक याचिका (petition) पर सुनवाई के दौरान इस सवाल का जवाब मिल गया है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि पत्नी सिर्फ शादी के आधार पर पति की आधार की जानकारी एकतरफा हासिल नहीं कर सकती है। कोर्ट का कहना है कि शादी निजता के अधिकार पर असर नहीं डालती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हुबली की एक महिला अलग हो चुके पति का आधार नंबर, एनरोलमेंट की जानकारी और फोन नंबर हासिल करना चाहती थी। उनका कहना था कि पति के ठिकाने की जानकारी नहीं होने के चलते वह उसके खिलाफ फैमिली कोर्ट की तरफ से मिले आदेश को लागू नहीं कर पा रही हैं। इसे लेकर वह UIDAI यानी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास भी गईं थीं।

25 फरवरी 2021 को UIDAI ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था और कहा था कि इसके लिए उच्च न्यायालय के आदेश समेत कई चीजों की जरूरत होगी। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था।

डिवीजन बेंच ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र किया था और कहा कि किसी भी जानकारी के खुलासे से पहले दूसरे व्यक्ति को भी अपनी बात रखने का अधिकार है। बाद में मामला एकल बेंच के पास भेज दिया था। सिंगल बेंच ने 8 फरवरी 2023 को UIDAI को पति को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही RTI एक्ट के तहत महिला के आवेदन पर दोबारा विचार करने के लिए कहा।

डिविजन बेंच में जस्टिस एस सुनील दत्त यादव और विजयकुमार ए पाटिल सुनवाई कर रहे थे। बेंच ने कहा, ‘शादी दो लोगों का रिश्ता है, जो निजता के अधिकार पर असर नहीं डालता है। यह व्यक्ति का निजी अधिकार है…।’

दोनों की शादी नवंबर 2005 में हुई थी और उनकी एक बेटी भी है। रिश्ते में परेशानियां आने के बाद पत्नी ने कानूनी कार्रवाई की शुरुआत की थीं। यहां फैमिली कोर्ट ने 10 हजार रुपये का गुजारा भत्ता और बेटी के लिए 5 हजार रुपये अलग से दिए जाने की बात कही गई थी।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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