Manipur Violence: मणिपुर की फिर हिंसा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साधा PM पर निशाना, मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग
Manipur Violence: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर पीएम मोदी और बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है।
Manipur Violence: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर पीएम मोदी और बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य को 'युद्ध के मैदान' में बदल दिया गया है। लेकिन, पीएम मोदी के पास मणिपुर का दौरा करने का समय नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने मणिपुर के सीएम को बर्खास्त करने की भी मांग की।
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि 147 दिनों से मणिपुर के लोग परेशान हैं। लेकिन, पीएम मोदी के पास राज्य का दौरा करने का समय नहीं है। इस हिंसा में छात्रों को निशाना बनाए जाने की भयावह तस्वीरों ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इससे स्पषट हो गया है कि इस हिंसा में महिलाओं और बच्चों को हथियार बनाया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को भी बर्खास्त करने की भी मांग की है।
दो छात्रों की हुई हत्या
जुलाई में लापता हुए मैतेई समुदाय के दो छात्रों की हत्या को लेकर मणिपुर में ताजा तनाव फैल गया। मंगलवार को राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल होने के तुरंत बाद, दोनों छात्रों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिसमें उन्हें एक सशस्त्र समूह के अस्थायी जंगल शिविर के घास वाले परिसर में बैठे देखा जा सकता है। छात्रों और निवासियों ने पूरी ताकत से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों की पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स की टीम के साथ झड़प भी हुई। जिसमें 25 से 30 प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इस बीच, एजेंसी के विशेष निदेशक अजय भटनागर के नेतृत्व में सीबीआई के अधिकारियों की एक स्पेशल टीम दो छात्रों की कथित "हत्या और अपहरण" की जांच के लिए बुधवार को इंफाल पहुंचेगी।
3 मई से शुरू हुई थी हिंसा
मणिपुर में हिंसा पहली बार 3 मई को शुरू हुई जब बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान झड़पें हुईं। जबकि मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की हिस्सेदारी लगभग 53 प्रतिशत है, नागा और कुकी सहित आदिवासी कुल आबादी का 40 प्रतिशत हैं। मई के बाद से राज्य में जातीय संघर्षों में 175 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सैकड़ों घायल हुए हैं।