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Mahesh Landge Stray Dog Statement : Animal Lovers के घर छोड़ो आवारा कुत्ते, BJP विधायक के तीखे बयान से मचा जबरदस्त बवाल

राज्य भर में हो रहे कुत्तों के हमलों पर चर्चा के दौरान, बीजेपी विधायक महेश लांडगे ने एक ऐसा विवादास्पद बयान दिया जिसने सदन का माहौल गरमा दिया।

Mahesh Landge Stray Dog Statement : Animal Lovers के घर छोड़ो आवारा कुत्ते, BJP विधायक के तीखे बयान से मचा जबरदस्त बवाल
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Mahesh Landge Stray Dog Statement : Animal Lovers के घर छोड़ो आवारा कुत्ते, BJP विधायक के तीखे बयान से मचा जबरदस्त बवाल

By UMA

Mahesh Landge Stray Dog Statement : मुंबई, महाराष्ट्र। महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र बुधवार को आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक पर एक राजनीतिक अखाड़े में बदल गया। राज्य भर में हो रहे कुत्तों के हमलों पर चर्चा के दौरान, बीजेपी विधायक महेश लांडगे ने एक ऐसा विवादास्पद बयान दिया जिसने सदन का माहौल गरमा दिया। उन्होंने मांग की कि आवारा कुत्तों को पकड़कर सीधे उन एनिमल लवर्स के घर पर छोड़ देना चाहिए जो उनके बचाव में आगे आते हैं।

Mahesh Landge Stray Dog Statement : विधायक लांडगे का यह बयान जनता की परेशानी को राजनीति के केंद्र में ले आया, जिसके बाद सरकार को तत्काल हस्तक्षेप का आश्वासन देना पड़ा।

12 लाख आवारा कुत्ते, शेल्टर सिर्फ 105

आवारा कुत्तों के हमलों पर चल रही जोरदार बहस के बाद, राज्य सरकार ने जल्द ही इस विषय पर एक विशेष बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। अर्बन डेवलपमेंट राज्य मंत्री माधुरी मिसाल ने विधानसभा में चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए, जिससे समस्या की गंभीरता उजागर हुई।

मंत्री मिसाल ने बताया कि: सिर्फ मुंबई में ही 90,757 आवारा कुत्ते हैं, जबकि बीएमसी (BMC) के पास उनके लिए केवल आठ शेल्टर मौजूद हैं।

पूरे महाराष्ट्र की 29 नगर निगमों में आवारा कुत्तों की कुल संख्या लगभग 11.88 लाख है, जबकि इनके लिए शेल्टर होम की संख्या निराशाजनक रूप से सिर्फ 105 है।इन आंकड़ों ने विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के विधायकों को असंतोष जाहिर करने का मौका दिया।

नसबंदी कार्यक्रमों पर सवाल और विधायकों की सुरक्षा

कई अन्य विधायकों ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। बीजेपी के विधायक अतुल भातखलकर ने मांग की कि सरकार को अपनी खाली पड़ी जमीनों पर तुरंत अधिक शेल्टर होम बनाने चाहिए। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के सुनील प्रभु ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब जनप्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिक का क्या हाल होगा। उन्होंने प्रभावी नसबंदी कार्यक्रमों के विरोध पर भी सवाल उठाए।

सरकार की ओर से मंत्री मिसाल ने आवारा कुत्तों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा निर्देशों का हवाला दिया, लेकिन विधायकों ने इसे समस्या का समाधान मानने से इनकार कर दिया। बढ़ते दबाव को देखते हुए, मंत्री ने अंततः आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी संबंधित विधायकों और उच्चाधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें ज़मीनी स्तर पर लागू किए जा सकने वाले ठोस कदमों पर तुरंत निर्णय लिया जाएगा।

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