Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का आधा हिस्सा अपने पास रखेगी बीजेपी! जानिए शिवसेना और NCP को क्या मिलेगा?
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन (भाजपा, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 में से 235 सीटों पर जीत दर्ज की है। अब सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन (भाजपा, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 में से 235 सीटों पर जीत दर्ज की है। अब सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। आज दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं और महायुति के प्रमुख नेताओं के बीच बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
मंत्रिमंडल में अहम विभागों का बंटवारा
खबरों के अनुसार, भाजपा आधे से ज्यादा मंत्रालय अपने पास रख सकती है।
- शिवसेना (शिंदे गुट) को शहरी विकास, लोक निर्माण विभाग (PWD) और जल संसाधन जैसे तीन अहम विभाग मिल सकते हैं।
- एनसीपी (अजित पवार) को वित्त मंत्रालय सहित 9 विभाग मिलने की संभावना है।
- गृह मंत्रालय भाजपा अपने पास रखेगी।
2 उपमुख्यमंत्रियों का फॉर्मूला
माना जा रहा है कि इस सरकार में दो उपमुख्यमंत्री होंगे।
- एनसीपी से अजित पवार वित्त मंत्रालय के साथ उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं।
- शिवसेना (शिंदे गुट) से भी एक उपमुख्यमंत्री की संभावना है। हालांकि, शिंदे ने खुद यह पद लेने से इनकार कर दिया है, इसलिए उनके किसी करीबी को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
नई कैबिनेट में बदलाव की उम्मीद
महाराष्ट्र में अधिकतम 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं। पिछली सरकार में 28 मंत्री थे, जिनमें से सभी ने इस चुनाव में जीत हासिल की है। लेकिन, भाजपा की सीटें ज्यादा होने के कारण कैबिनेट में फेरबदल लगभग तय है। कई मौजूदा मंत्रियों को अपनी जगह नए चेहरों के लिए छोड़नी पड़ सकती है।
चुनाव परिणामों का विवरण
- भाजपा: 132 सीटें
- शिवसेना (शिंदे गुट): 57 सीटें
- एनसीपी (अजित पवार): 41 सीटें
- छोटी पार्टियां: 5 सीटें
वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) ने 46 सीटें जीतीं:
- शिवसेना (उद्धव गुट): 20 सीटें
- कांग्रेस: 16 सीटें
- एनसीपी (शरद पवार): 10 सीटें
सरकार गठन के लिए तैयार महायुति
महायुति गठबंधन अब अपनी जीत को सरकार में बदलने के लिए तैयार है। दिल्ली बैठक में अंतिम मंत्रिमंडल का स्वरूप और मुख्यमंत्री पद पर फैसला लिया जाएगा। विपक्ष के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि MVA गठबंधन ने अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन किया है।