MAHAKUMBH MELA 2025: महाकुंभ मेले का आरंभ... अब तक डेढ़ करोड़ श्रद्धालु लगा चुके डुबकी... लगातार बढ़ रहा आकड़ा...
MAHAKUMBH MELA 2025: आज 13 जनवरी से महाकुंभ मेले का आरंभ हो गया है. इसके साथ ही यहाँ आज पौष पूर्णिमा पर पहला स्नान हैं. अब तक करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं. और ये आकड़ा लगातार बढ़ता चला जा रहा हैं. दूर दूर से श्रद्धालु यहां शाही स्नान के लिए पहुँच रहे हैं

MAHAKUMBH MELA 2025: आज यानि 13 जनवरी से महाकुंभ मेले का आरंभ हो गया है. इसके साथ ही यहाँ आज पौष पूर्णिमा पर पहला स्नान हैं. सुबह से ही यहां लोगो की भीड़ लगी हुई हैं. दूर दूर से श्रद्धालु यहां शाही स्नान के लिए पहुँच रहे हैं. और अब तक करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं. और ये आकड़ा लगातार बढ़ता चला जा रहा हैं. श्रद्धालु प्रयागराज के अलग अलग 44 घाटों पर डुबकी लगा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के DGP प्रशांत कुमार ने कहा, "महाकुंभ 2025 का जो प्रथम स्नान है वो सुबह ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हो चुका है और अभी तक लगभग 1 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम क्षेत्र में स्नान किया है... हमने सभी चीजों की व्यवस्था की... संगम में अभी भी भीड़ जारी है... सभी तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिनमें से कई तकनीकें नई है... इन चीजों के कारण आम जनता को काफी सहूलियत मिली है। प्रयागराज क्षेत्र में या पूरे प्रदेश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना घटने की सूचना नहीं मिली है...सभी विभागों के समन्वय से कार्रवाई हो रही है। जो मार्ग प्रयागराज की ओर जा रहे हैं वहां पर कोई ट्रैफिक या व्यवधान नहीं हैं..."
यह धर्म और आस्था का सबसे बड़ा महाकुम्भ मेले का आयोजन हर 12 साल के अंतराल पर लगता है. इस साल ये महाकुम्भ मेला प्रयागराज में 13 जनवरी से 27 फरवरी तक आयोजन किया जाएगा. इस मेले में देश-विदेश से करोड़ों साधु-संतों का जमावड़ा देखने को मिल रहा हैं.
कुंभ मेले का आयोजन 45 दिन तक चलता है. जिसमे से शाही स्नान 6 दिन चलेगा. शाही स्नान की तिथियां महत्वपूर्ण होती हैं. महाकुंभ का स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा. मान्यता है कि कुंभ स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पिछले सारे पाप भी धुल जाते हैं. हजारों साधु-संत और श्रृद्धालु प्रयागराज के संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे. महाकुंभ का स्नान सबसे पहले साधु-संत करते हैं. उसके बाद श्रद्धालु स्नान करते हैं.
शाही स्नान को लेकर मान्यता है कुंभ मेले के दौरान जो भी स्नान करता है, उसे जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है. कुंभ स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. उसके कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं. यह न सिर्फ शरीर को साफ करने के लिए, बल्कि आत्मा की शुद्धि के लिए भी किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं शाही स्नान किन नियमों का पालन करने से शुभ परिणाम मिल सकता है. तो चलिए जानते हैं शाही स्नान के नियम....
• यदि आप शादीशुदा हैं और महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो आपको 5 बार डुबकी लगानी चाहिए. ऐसा मानना है कि अगर आप 5 बार डुबकी नहीं लगाएंगे तो आपका स्नान पूरा नहीं माना जाएगा.
• महाकुंभ के दौरान कभी भी नागा साधुओं से पहले डुबकी ना लगाएं. पहले नागा साधु स्नान करने दे उसके बाद आप स्नान करें. इससे शुभ फलों की प्राप्ति भी नहीं होती.
• स्नान के बाद अपने दोनों हाथों से सूर्यदेव को अर्ध्य देना चाहिए. कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत होती है.
• स्नान के बाद प्रयागराज में स्थित लेटे हुए हनुमान जी या नागावासुकी मंदिर में दर्शन जरुर करें.
शाही स्नान की तिथि
13 जनवरी 2024- पौष पूर्णिमा
14 जनवरी 2025 - मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025 - मौनी अमावस्या
3 फरवरी 2025 - वसंत पंचमी
12 फरवरी - माघ पूर्णिमा
26 फरवरी - महाशिवरात्रि पर्व