LS Election Results: आतंकवाद के आरोप में जेल से जीतने वाले सांसदों का भविष्य, क्या संसद में पहुंच पाएंगे अमृतपाल और अब्दुल रशीद? जानें नियम
LS Election Results: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ चुके हैं, और इस बार कई अप्रत्याशित घटनाओं ने राजनीति के पटल पर अपनी छाप छोड़ी है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है दो जेल में बंद प्रत्याशियों की जीत।
LS Election Results: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ चुके हैं, और इस बार कई अप्रत्याशित घटनाओं ने राजनीति के पटल पर अपनी छाप छोड़ी है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है दो जेल में बंद प्रत्याशियों की जीत। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और अब्दुल रशीद शेख ने जेल से चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की। अब सवाल उठता है कि ये दोनों नेता अपना संसदीय कामकाज कैसे करेंगे और क्या ये संसद की कार्यवाही में भाग ले सकेंगे।
जेल में रहते हुए चुनाव जीतने वाले नेता
अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव जीता है, जहां उन्होंने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जिरा को 1.97 लाख वोटों से हराया। दूसरी ओर, अब्दुल रशीद शेख ने जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को 2 लाख से भी ज्यादा वोटों से मात दी।
जेल में बंद होने के कारण
अमृतपाल सिंह पर खालिस्तानी और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं, और उनका पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से संबंध बताया जाता है। उन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। वहीं, अब्दुल रशीद शेख तिहाड़ जेल में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत बंद हैं। उन्हें आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में 2019 में गिरफ्तार किया गया था।
क्या शपथ ले सकेंगे दोनों नेता?
पिछले उदाहरणों से पता चलता है कि जेल में बंद निर्वाचित प्रतिनिधियों को शपथ लेने के लिए अस्थाई जमानत या पैरोल मिल सकती है। जैसे 2020 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेता अतुल राय को शपथ लेने के लिए पैरोल दी थी। 2022 में समाजवादी पार्टी विधायक नाहिद हसन को भी उत्तर प्रदेश विधानसभा के शपथ ग्रहण के लिए जमानत पर रिहा किया गया था।
शपथ में शामिल होने के लिए कोर्ट की अनुमति आवश्यक
तिहाड़ जेल के कानून अधिकारी सुनील कुमार के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष जेल अधीक्षक को शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण भेजते हैं, जिसके बाद जेल अधीक्षक को कोर्ट से अनुमति लेनी होती है। यदि कोर्ट अनुमति देती है, तो वह सुरक्षा उपायों की जानकारी भी देती है, जिनका पालन करते हुए उन्हें समारोह में भेजा जाता है।
संसद की कार्यवाही में भाग लेने की संभावना
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, संसद में भाग लेने के लिए भी दोनों नेताओं को कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। अगर कोर्ट अनुमति देती है, तो भारी सुरक्षा के बीच उन्हें संसद लाया जाएगा। एक जेल अधिकारी के अनुसार, उन्हें एस्कॉर्ट करते समय सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) और पुलिस निरीक्षक रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। इस दौरान वे केवल संसदीय अधिकारियों या अन्य सांसदों से ही मिल पाएंगे और मोबाइल का उपयोग नहीं कर सकेंगे।
संसदीय क्षेत्र का कामकाज
संसदीय क्षेत्र के कामकाज के लिए कोई निर्धारित तरीका नहीं है। सांसद ऑनलाइन बैठकें कर सकते हैं या अपने प्रतिनिधि के जरिए जेल में ही लोगों की समस्याएं सुन सकते हैं। हालांकि, इसके लिए भी जेल प्रशासन की अनुमति आवश्यक होगी। चूंकि अमृतपाल और शेख गंभीर आरोपों में जेल में बंद हैं, इसलिए उन्हें कंप्यूटर या मोबाइल के इस्तेमाल या लोगों से मुलाकात की अनुमति मिलना मुश्किल हो सकता है। इस प्रकार, जेल में बंद रहते हुए चुनाव जीतने वाले इन नेताओं का संसदीय जीवन काफी चुनौतियों से भरा रहेगा। कोर्ट और जेल प्रशासन की अनुमति मिलने पर ही वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे।