Lok Sabha Elections 2024: BJP बहुमत से दूर, किंगमेकर की भूमिका में TDP और JDU, जानिए क्या बन रहे हैं रानजीतिक समीकरण
Lok Sabha Elections 2024: 2024 के आम चुनावों ने एक दिलचस्प मोड़ लिया है, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) बहुमत से 27 सीट दूर दिख रही है। बीजेपी अभी तक केवल 245 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस (Congress) 97 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
Lok Sabha Elections 2024: 2024 के आम चुनावों ने एक दिलचस्प मोड़ लिया है, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) बहुमत से 27 सीट दूर दिख रही है। बीजेपी अभी तक केवल 245 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस (Congress) 97 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। एनडीए (NDA) गठबंधन 297 सीटों पर और इंडिया गठबंधन 228 सीटों पर आगे है। इस अप्रत्याशित स्थिति ने राजनीतिक विश्लेषकों और जनता को सरकार के गठन के बारे में अटकलें लगाने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अगर बीजेपी सत्ता में लौटना चाहती है तो किंगमेकर की भूमिका कौन निभाएगा? इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू से बातचीत की है।
कांग्रेस हुई सक्रिय
चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) किंगमेकर की भूमिका में आ सकते हैं। टीडीपी वर्तमान में 16 सीटों पर और जेडीयू 15 सीटों पर आगे चल रही है, जो कुल मिलाकर 31 सीटें बनती हैं। इनके समर्थन के बिना, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) बहुमत के आंकड़े से पीछे रह सकता है। इस परिस्थिति को देखते हुए कांग्रेस सक्रिय हो गई है और एनडीए के गठबंधन सहयोगियों को अपने पक्ष में करने की कोशिशें कर रही है।
कमजोर हो सकता है तीसरा कार्यकाल
टीडीपी और जेडीयू की संभावित भागीदारी का बीजेपी और उसके नेतृत्व पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये दल सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, तो नरेंद्र मोदी का संभावित तीसरा कार्यकाल कमजोर हो सकता है। क्षेत्रीय दलों का प्रभाव निर्णय लेने की प्रक्रिया में नई गतिशीलता ला सकता है और प्रमुख सुधारों को लागू करने में बाधा बन सकता है।
अपना रुख बदलने को लेकर रहे हैं सुर्खियों में
अब तक आए रुझान अगर नतीजों में तब्दील होते हैं, तो गठबंधन के छोटे सहयोगियों का महत्व बढ़ जाएगा। शायद यही वजह है कि कांग्रेस जेडीयू और टीडीपी को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुट गई है। ये दोनों ही दल पहले विपक्षी गठबंधन का हिस्सा रहे हैं और कई बार अपना रुख बदलने को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। इस स्थिति में किंगमेकर की भूमिका निभाने वाले दल आने वाले समय में भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।