Lok Sabha Election 2024: 6 साल बाद TDP की NDA में वापसी तय, जानिए कैसे होगा सीटों को बटवारा?
Lok Sabha Election 2024: करीब 6 साल बाद तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापसी हो सकती है। 7 मार्च को TDP नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।
Lok Sabha Election 2024: करीब 6 साल बाद तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापसी हो सकती है। 7 मार्च को TDP नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान जन सेना पार्टी (JSP) के संस्थापक पवन कल्याण भी मौजूद रहे। खबर है कि गठबंधन को लेकर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही इसकी घोषणा की जा सकती है।
आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा यहां 5-6 सीटों पर लड़ना चाह रही है, जबकि TDP भाजपा को 4 सीटें- राजमुंदरी, तिरूपति, राजमपेट और अराकू देना चाहती है। TDP का कहना है कि भाजपा और JSP को मिलाकर 7 सीटें दी जा सकती हैं। बता दें कि यहां पहले से ही TDP और JSP का गठबंधन है, जिसके तहत JSP को 3 लोकसभा सीटें मिली हैं।
आंध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होना है। यहां की 175 सीटों वाली विधानसभा के लिए भी TDP-JSP में गठबंधन हुआ है और JSP के खाते में 24 सीटें आई हैं। पिछले हफ्ते दोनों पार्टियों ने 99 नामों की पहली सूची जारी की थी, जिसमें TDP के 94 और JSP के 5 नेताओं के नाम थे। अब दोनों पार्टियां गठबंधन में भाजपा के शामिल होने का इंतजार कर रही हैं।
राज्य में 2014 का लोकसभा चुनाव भाजपा और TDP ने मिलकर लड़ा था। तब TDP ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की थी और उसका वोट शेयर 40 प्रतिशत से ज्यादा था, जबकि भाजपा ने 7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 2 सीटें जीती थीं। 2019 का लोकसभा चुनाव दोनों पार्टियों ने अलग-अलग लड़ा था। तब TDP को मात्र 3 और भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली। भाजपा को NOTA से भी कम वोट मिले थे।
भाजपा ने इस बार 370 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसे पाने के लिए दक्षिण खासा अहम है। 25 सीटों वाले आंध्र प्रदेश में भाजपा पैर जमाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, TDP का प्रदर्शन लगातार गिर रहा है। 2014 के विधानसभा चुनावों में TDP ने 102 सीटें जीती थीं, जो पिछले चुनावों में गिरकर केवल 23 पर आ गई हैं। इस वजह से दोनों पार्टियां साथ आने की कोशिश कर रही हैं।
फिलहाल दक्षिण भारत की 130 में से भाजपा के पास सिर्फ 29 सीटें हैं। इनमें से 25 सीटें कर्नाटक और 4 तेलंगाना से हैं। इन दोनों राज्यों में अब कांग्रेस की सरकार है। इसके अलावा दक्षिण के किसी भी राज्य में पार्टी का एक भी सासंद नहीं है। यही वजह है कि भाजपा दक्षिण में नए साथी तलाश रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बीते 2 महीने दक्षिण के 6 राज्यों का दौरा कर चुके हैं।