KashiBugga Temple Stampede: काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर हादसा! 25 हजार की भीड़ में भगदड़ से 10 श्रद्धालुओं की मौत, पीएम मोदी ने जताया शोक
KashiBugga Temple Stampede: आंध्र प्रदेश के काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में एकादशी पर भगदड़ मचने से 10 श्रद्धालुओं की मौत। 25 हजार की भीड़, टूटी ग्रील और मिसमैनेजमेंट से मचा हाहाकार। पीएम मोदी और सीएम नायडू ने जताया शोक।

KashiBugga Temple Stampede: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम ज़िले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार सुबह एकादशी के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मिसमैनेजमेंट और टूटे रेलिंग के कारण मची भगदड़ में 10 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
तीन हजार की जगह पहुंच गए 25 हजार श्रद्धालु
शनिवार सुबह काशीबुग्गा का वेंकटेश्वर मंदिर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। मंदिर प्रशासन ने जहां करीब तीन हजार श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था की थी, वहीं एकादशी के दिन लगभग 25,000 से ज़्यादा भक्त पहुंच गए। मंदिर परिसर में बढ़ती भीड़ के बीच धक्का-मुक्की शुरू हुई और थोड़ी ही देर में हालात बेकाबू हो गए।
रेलिंग टूटी और भगदड़ मच गई
भीड़ के दबाव में मंदिर की एक ग्रील (रेलिंग) टूट गई। कुछ श्रद्धालु नीचे गिर पड़े और फिर उनके ऊपर भीड़ चढ़ती चली गई। इससे अचानक भगदड़ मच गई और लोग जान बचाने के लिए भागने लगे। कुछ ही पलों में मंदिर परिसर चीख-पुकार और अफरातफरी से भर गया।
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, इस हादसे में अब तक 10 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हैं। घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर है।
मिसमैनेजमेंट की बड़ी चूक
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किए थे। न तो बैरिकेडिंग मजबूत थी, न ही सुरक्षा बलों की संख्या पर्याप्त। मंदिर परिसर में प्रवेश और निकास के रास्तों पर निगरानी का कोई समुचित सिस्टम नहीं था।
अचानक उमड़ी भीड़ ने सारी व्यवस्थाओं को तोड़ दिया। कई श्रद्धालु बेहोश हो गए और कई बच्चों को चोटें आईं। मौके पर पहुंचे अधिकारी अब जांच में जुटे हैं कि सुरक्षा इंतज़ामों में आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई।
‘छोटा तिरुपति’ कहलाने वाला मंदिर बना त्रासदी का केंद्र
काशीबुग्गा में स्थित यह वेंकटेश्वर मंदिर लगभग 5 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है। स्थानीय लोग इसे “छोटा तिरुपति” कहते हैं। इस मंदिर का निर्माण भक्त हरि मुकुंद पांडा ने करवाया था, जिन्होंने प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर के मॉडल से प्रेरणा ली थी। हर साल कार्तिक मास की एकादशी पर यहां विशेष पूजा और दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु आते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और सीएम नायडू ने जताया शोक
हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से सहायता राशि की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों को ₹2-2 लाख और घायलों को ₹50-50 हजार रुपए की मदद दी जाएगी।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी घटना को “बेहद दुखद और अस्वीकार्य त्रासदी” बताया और जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
केंद्र और राज्य सरकारें एक्शन में
केंद्रीय मंत्री नारा लोकेश ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि एकादशी जैसे पवित्र दिन पर यह हादसा बेहद पीड़ादायक है। उन्होंने जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को मौके पर रहकर राहत कार्यों की निगरानी के निर्देश दिए हैं। इस बीच, पुलिस ने मंदिर परिसर को खाली करवा लिया है और अगले आदेश तक श्रद्धालुओं की एंट्री पर अस्थायी रोक लगा दी है।
आस्था में अव्यवस्था की चेतावनी
काशीबुग्गा की यह त्रासदी सिर्फ एक हादसा नहीं — बल्कि एक सीख है कि भीड़ और आस्था के बीच संतुलन जरूरी है। श्रद्धालु मंदिरों में भक्ति से आते हैं, पर व्यवस्था ही उनकी सुरक्षा की गारंटी है। अगर इस बार भी जवाबदेही तय नहीं हुई, तो अगली भीड़ फिर किसी नई खबर में बदलेगी।
