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Kargil Vijay Diwas 2024: करगिल के शहीदों को देश कर रहा सलाम, जानिए कैसे हुई थी युद्ध की शुरुआत?

Kargil Vijay Diwas 2024: आज पूरा देश 25वां 'करगिल विजय दिवस' मना रहा है। 3 मई, 1999 को शुरू हुआ करगिल युद्ध 26 जुलाई, 1999 को भारत की जीत के साथ समाप्त हुआ था।

Kargil Vijay Diwas 2024: करगिल के शहीदों को देश कर रहा सलाम, जानिए कैसे हुई थी युद्ध की शुरुआत?
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By Ragib Asim

Kargil Vijay Diwas 2024: आज पूरा देश 25वां 'करगिल विजय दिवस' मना रहा है। 3 मई, 1999 को शुरू हुआ करगिल युद्ध 26 जुलाई, 1999 को भारत की जीत के साथ समाप्त हुआ था। इस दिन को हर साल हमारे वीर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। आइए, इस युद्ध से जुड़े प्रमुख तथ्यों पर नजर डालते हैं।

कैसे हुई थी युद्ध की शुरुआत?

करगिल युद्ध जम्मू-कश्मीर के करगिल जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर हुआ था। 3 मई, 1999 को पाकिस्तान ने इस युद्ध की शुरुआत की थी। पाकिस्तानी सेना के करीब 5,000 सैनिकों ने करगिल के पहाड़ी क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था। 10 मई को भारतीय सेना को घुसपैठ का पता चला और 26 मई को भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन विजय' के तहत अपना अभियान शुरू किया।

पाकिस्तान की घुसपैठ का उद्देश्य

करगिल में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ का मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच संपर्क को तोड़ना और सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना को पीछे हटाना था। पाकिस्तान का मानना था कि इस क्षेत्र में तनाव पैदा करने से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने में मदद मिलेगी।

करगिल युद्ध के हालात

करगिल युद्ध के दौरान हालात बेहद कठिन थे। करगिल शहर 2,676 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि द्रास 3,300 मीटर की ऊंचाई पर है। आसपास की चोटियां 4,800 से 5,500 मीटर की ऊंचाई तक हैं। यहां का तापमान -30 डिग्री सेल्सियस तक होता है, जिससे भारतीय सैनिकों को दुश्मनों के साथ-साथ प्राकृतिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा।

भारत की विजय

26 मई को अभियान शुरू करने के बाद भारतीय सेना ने 13 जून को द्रास के टोलोलोंग पर कब्जा कर लिया और 4 जुलाई को टाइगर हिल पर कब्जा जमा लिया। 14 जुलाई को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ऑपरेशन विजय की सफलता की घोषणा की।

शहीदों का बलिदान

तीन महीने चले इस युद्ध में भारतीय सेना के 527 अधिकारी और जवान शहीद हुए, जबकि 1,300 से अधिक सैनिक घायल हुए। कैप्टन मनोज कुमार पांडे, कैप्टन विक्रम बत्रा और कैप्टन कीशिंग क्लिफोर्ड नोंग्रुम जैसे सैनिकों को मरणोपरांत परमवीर चक्र और महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।

युद्धक सामग्री का उपयोग

करगिल युद्ध में भारतीय वायुसेना ने मिग-21, मिग-23, मिग-27, जगुआर और मिराज-2000 विमानों का उपयोग किया। जमीनी हमले के लिए 2.50 लाख गोले, बम और रॉकेट दागे गए। टाइगर हिल के लिए 11 घंटे की लड़ाई में 9,000 गोले दागे गए।

करगिल विजय दिवस की शुरुआत

26 जुलाई, 1999 को सरकार ने आधिकारिक रूप से युद्ध के समापन की घोषणा करते हुए हर साल इस दिन को 'करगिल विजय दिवस' के रूप में मनाने का ऐलान किया। करगिल में शहीदों की याद में 'वॉर मेमोरियल' भी बनाया गया।

प्रधानमंत्री मोदी की चेतावनी

करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्रास में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "हमने करगिल में केवल युद्ध नहीं जीता, बल्कि सत्य, संयम और सामर्थ का अद्भुत परिचय दिया। भारत शांति का प्रयास कर रहा था, लेकिन पाकिस्तान ने अपना अविश्वासिक चेहरा दिखाया। सत्य के सामने असत्य और आतंक की हार हुई।"

करगिल विजय दिवस हमारे वीर सैनिकों की बहादुरी और बलिदान का प्रतीक है। यह दिन हमें उनकी कुर्बानियों को याद दिलाता है और हमें प्रेरित करता है कि हम देश की सेवा और सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहें।

Ragib Asim

Ragib Asim is a journalist currently employed as News Editor in NPG News (Digital). Born and brought up in Bettiah, Ragib journey began with print media and soon transitioned towards digital. He carries more than 10 years of experience in the field with focus on New media. He has previously worked with Hindustan Samachar, News Track, Janjwar, Special Coverage News Hindi. His interests include Science, Geopolitics, Economics and Current affairs.

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