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Jyoti Malhotra: एक सेल्फी और खुल गई जासूसी की परतें! जानिए कैसे पकड़ी गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा?

Jyoti Malhotra: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की एक मासूम सी सेल्फी ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों को चौका दिया। कश्मीर के काजीगुंड बोर्ड के साथ ली गई इस तस्वीर ने कैसे जासूसी की बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया? पढ़िए पूरा सच।

Jyoti Malhotra: एक सेल्फी और खुल गई जासूसी की परतें! जानिए कैसे पकड़ी गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा?
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By Ragib Asim

Jyoti Malhotra: एक चमकती मुस्कान, एक हरा-सफेद साइनबोर्ड, और उस पर लिखा सिर्फ एक शब्द 'काजीगुंड'। यह वो सेल्फी थी, जिसने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को हिलाकर रख दिया। हरियाणा की मशहूर ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जिनके 'Travel with Jo' चैनल के 3.77 लाख फैंस दीवाने थे, अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी के आरोप में सलाखों के पीछे हैं। उनकी इस तस्वीर ने न सिर्फ एक सनसनीखेज जासूसी खेल को बेनकाब किया, बल्कि कश्मीर के सबसे संवेदनशील इलाके काजीगुंड में छिपे खतरे को भी दुनिया के सामने ला दिया।

काजीगुंड कश्मीर का गेटवे

काजीगुंड, जिसे 'कश्मीर का गेटवे' कहते हैं, सिर्फ एक कस्बा नहीं, बल्कि भारत की सामरिक ताकत का धड़कता दिल है। अनंतनाग जिले में बसा यह इलाका नेशनल हाईवे 44 और श्रीनगर-जम्मू रेलवे का सबसे महत्वपूर्ण कनेक्शन पॉइंट है। 3,100 करोड़ की लागत से बनी 11 किमी लंबी पीर पंजाल सुरंग यहीं से गुजरती है, जो सैन्य काफिलों, हथियारों की सप्लाई, और रणनीतिक आवाजाही की लाइफलाइन है। हाल के पहलगाम आतंकी हमले (26 मरे) और ऑपरेशन सिंदूर (8 आतंकी ढेर) ने इस इलाके को और भी संवेदनशील बना दिया। ऐसे में, ज्योति की काजीगुंड में खींची सेल्फी ने खुफिया एजेंसियों को झकझोर कर रख दिया है।

सेल्फी में छिपा था जासूसी का 'काला जादू'

ज्योति की सोशल मीडिया DP पर लगी इस सेल्फी में काजीगुंड का साइनबोर्ड देखकर जांचकर्ताओं के होश उड़ गए। यह कोई साधारण ट्रैवल फोटो नहीं थी—यह एक खतरनाक खेल का हिस्सा थी। ज्योति ने 2023 और 2024 में दो बार कश्मीर का दौरा किया। हर बार उन्होंने 'खूबसूरत रास्तों' और 'छिपी जगहों' पर घंटों के वीडियो बनाए। लेकिन खुफिया एजेंसियों को उनके ड्रोन फुटेज में कुछ और दिखा—रेलवे जंक्शनों, हाईवे टोल बूथ्स, कम्युनिकेशन टावरों, और रूस के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के आसपास की संदिग्ध रिकॉर्डिंग। यह ट्रैवल व्लॉगिंग नहीं, बल्कि ISI के लिए टोही मिशन जैसा था।

सूत्रों का कहना है कि ज्योति के ड्रोन ने काजीगुंड के उन कोनों को कैद किया, जहां सामान्य टूरिस्ट की पहुंच नामुमकिन है। उनके वीडियो में बनिहाल पास के पास सैन्य काफिलों की हलचल और पीर पंजाल सुरंग के इन्फ्रास्ट्रक्चर की डिटेल्स थीं। यह सब इतना संदिग्ध था कि खुफिया अधिकारी चिल्ला उठे, "काजीगुंड क्यों?"

ISI का 'हनी ट्रैप' और ज्योति का कनेक्शन

17 मई 2025 को हिसार पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को हिरासत में लिया। उन पर ISI के साथ मिलकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का सनसनीखेज आरोप है। जांच में खुलासा हुआ कि ज्योति ने 2023 में पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से संपर्क बनाया। इसके बाद, वह दो बार पाकिस्तान गईं, जहां ISI के टॉप एजेंट्स से उनकी गुप्त मुलाकातें हुईं।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ज्योति ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे ऐप्स के जरिए सैन्य ठिकानों, ऑपरेशन सिंदूर की डिटेल्स, और काजीगुंड के सामरिक लेआउट की जानकारी ISI को लीक की। हैरानी की बात यह है कि ज्योति और दानिश का रिश्ता सिर्फ प्रोफेशनल नहीं था दोनों बाली में एक 'रोमांटिक ट्रिप' पर भी गए थे। हिसार SP शशांक कुमार सावन ने खुलासा किया, "पाकिस्तान भारतीय इन्फ्लुएंसर्स को हनी ट्रैप और पैसे का लालच देकर जासूसी के लिए इस्तेमाल कर रहा है। ज्योति इसका सबसे बड़ा चेहरा हैं।"

खुफिया एजेंसियों की टेंशन क्यों?

ज्योति का मामला सिर्फ एक सेल्फी या वीडियो तक सीमित नहीं है। जांचकर्ता उनके फोन, लैपटॉप, और ड्रोन के मेटाडेटा को खंगाल रहे हैं। उनके GPS कॉर्डिनेट्स और टाइमस्टैम्प से पता चला कि ज्योति ने काजीगुंड में ठीक उन जगहों पर वीडियो बनाए, जहां सैन्य गतिविधियां चरम पर थीं। उनकी 'स्पॉन्सर्ड' विदेश यात्राओं पाकिस्तान, चीन, और थाईलैंड ने भी संदेह को गहरा किया। खुफिया सूत्रों का कहना है कि ज्योति को ISI ने 50 लाख रुपये से ज्यादा की फंडिंग दी थी।

काजीगुंड का सामरिक महत्व इसे सैन्य और खुफिया एजेंसियों का फोकस बनाता है। यह इलाका रूस के S-400 और S-125 पेचोरा जैसे हाई-टेक डिफेंस सिस्टम्स का ऑपरेशनल बेस भी है। ऐसे में, एक संदिग्ध जासूस की ड्रोन फुटेज ने खुफिया अधिकारियों को रातों की नींद छीन ली है।

सोशल मीडिया जासूसी का नया 'खेल'

ज्योति मल्होत्रा का मामला चेतावनी है कि सोशल मीडिया अब जासूसी का सबसे खतरनाक हथियार बन चुका है। उनके चैनल पर पाकिस्तान की तारीफ और कश्मीर के संवेदनशील इलाकों की फुटेज ने पहले ही शक पैदा कर दिया था।

ज्योति मल्होत्रा और उनके तीन साथियों नौमान इलाही, देवेंद्र सिंह ढिल्लन, और अरमान पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 की धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है। जांच अब उनके नेटवर्क, फंडिंग, और अन्य इन्फ्लुएंसर्स तक पहुंच रही है। ज्योति के पिता ने बेटी को बेकसूर बताया, लेकिन खुफिया एजेंसियां कोई रिस्क नहीं ले रही हैं।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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