Jammu and Kashmir Assembly: जानिए.. POK की कहानी: क्या कहा अमित शाह और फारुख अब्दुल्ला ने, पाकिस्तान कैसे करता है कंट्रोल J&K में कितनी सीटा पीओके की
Jammu and Kashmir Assembly: जम्मू- कश्मीर के मुद्दे पर देश की सियासत फिर गर्म हो गई है। संसद के मौजूदा सत्र में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में एक और बड़े बदलाव का विधेयक पास कर दिया है। इससे फारुख अब्दुल्ला सहित जम्मू-कश्मीर के कई नेता भीड़ गए हैं।
Jammu and Kashmir Assembly: एनपीजी डेस्क
जम्मू- कश्मीर में केंद्र सरकार ने एक और बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के लिए संसद के मौजूदा सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो विधेयक पेश किया। एक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन बिल 2023 और जम्मू- कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 शामिल है। इसमें जम्मू- कश्मीर विधानसभा सभा की पूरी तस्वीर बदल गई है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा का नए सिरे से परिसीमन किया है। इसमें POK को भी शामिल किया गया है।
Jammu and Kashmir Assembly: जानिए... जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कितनी हैं सीटे
2019 में अनुच्छेद 370 हटाने और विधानसभा भंग होने से पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 107 सीटें थीं। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने बताया कि परिसीमन के बाद विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 114 हो गई हैं। इसमें दो सीटें कश्मीर विस्थापितों के लिए आरक्षित की गई है। एक सीट POK के विस्थापित व्यक्तियों के लिए दी जाएगी। इसमें से एक महिला जरूरी है। 9 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित की गई हैं।
जानिए... जम्मू-कश्मीर में कहां कितनी बढ़ी विधानसभा की सीटें
जम्मू में पहले 37 सीटें थीं उसे बढ़कर 43 कर दी गई है। कश्मीर में सीटों की संख्या 46 से बढ़ाकर 47 कर दी गई है। वहीं, POK यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 24 सीटों का प्रावधान किया गया है। इन 24 सीटों को रिजर्व (फिलहाल खाली) रखी जाएगी। पहले दो नामांकित सदस्य हुआ करते थे अब 5 सदस्य होंगे। इनमें कश्मीरी प्रवासियों में 2, जिसमें एक महिला और POK से एक नामांकन किया जाएगा।
Jammu and Kashmir Assembly: जानिए...जम्मू-कश्मीर पर संसद में क्या कहा अमित शाह ने
बिल सदन में पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने विपक्ष (मुख्य रुप से कांग्रेस) पर जमकर निशाना साधा। बिल पर लोकसभा में हुई बहस का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि नाम से सम्मान जुड़ा है, ये वही लोग देख पाते हैं जो अपने से पीछे से रह गए लोगों की अंगुली पकड़ उसे संवेदना से आगे बढ़ाना चाहते हैं। वो लोग इसे नहीं समझ सकते हैं जो इसका उपयोग वोट बैंक के लिए करते हैं।
शाह ने कहा कि यह बिल 70 वर्षों से जिन पर अन्याय हुआ, अपमानित हुए और जिनकी अनदेखी की गई, उनको न्याय दिलाने का बिल है। इस दौरान शाह ने पीआके के मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु पर भी निशाना साधा। शाह ने पीओके के लिए नेहरु को जिम्मेदार बताया।
शाह के इस बयान पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शाह पर हमला बोला। शाह ने कहा कि यह सब सियासत है। आप (शाह) उस वक्त जिंदा नहीं थे, आप उस समय पैदा नहीं हुए थे। उस समय क्या स्थिति वह आपको पता नहीं है। उस समय पूंछ और राजौरी को बचाने के लिए फौज को डायवर्ट कर दिया गया, ताकि ये दोनों जगह बच जाएं। आज पुंछ और राजौरी अगर भारत का हिस्सा हैं तो उसी मेहरबानी से है, नहीं तो वह भी पाकिस्तान में चला गया होता। उस समय जो स्थिति के अनुसार इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं था।
विवरण | पहले सीटें | अब सीटें |
जम्मू | 37 | 43 |
कश्मीर | 46 | 47 |
POK (रिजर्व) | -- | 24 |
ST | -- | 9 |
कश्मीरी विस्थापितों को | -- | 2 |
POK से विस्थापित को | -- | 1 |
नामांकित | 2 | 5 |