India-China LAC News: देपसांग और डेमचोक में भारत-चीन डिसइंगेजमेंट पूरा, दिवाली पर जवानों ने मिठाई देकर कराया मुंह मीठा
India-China LAC News: भारत और चीन के बीच पिछले कई वर्षों से सीमा विवाद के कारण लगातार तनावपूर्ण स्थितियाँ बनी हुई थीं, खासकर लद्दाख क्षेत्र के देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में।
India-China LAC News: भारत और चीन के बीच पिछले कई वर्षों से सीमा विवाद के कारण लगातार तनावपूर्ण स्थितियाँ बनी हुई थीं, खासकर लद्दाख क्षेत्र के देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में। लेकिन हालिया घटनाक्रम में दोनों देशों ने यहां से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है, जिसे डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया कहा जाता है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद दोनों देशों के सैनिक अपने-अपने स्थानों पर लौट गए हैं। इसका अर्थ है कि अब वहां तनाव कम हुआ है और जल्द ही दोनों देशों के सैनिक इन क्षेत्रों में पहले की तरह गश्त कर पाएंगे।
भारत और चीन के बीच लगभग 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है, जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैली हुई है। यह सीमा तीन सेक्टर्स में विभाजित है—पूर्वी, मध्य, और पश्चिमी सेक्टर। कई क्षेत्रों में भारत और चीन अपनी-अपनी सीमा का दावा करते हैं, जिससे अक्सर दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसके चलते लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक कई स्थानों पर गश्त के दौरान तनावपूर्ण माहौल बना रहता है।
देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी
2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से भारत-चीन संबंधों में काफी खटास आ गई थी और दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनाव बढ़ गया था। इसके बाद से लगातार कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं चल रही थीं ताकि दोनों देशों के बीच शांति बहाल की जा सके। हाल ही में देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में तनाव कम करने के लिए डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू की गई, जो अब सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। यह समझौता केवल देपसांग और डेमचोक के लिए किया गया है; अन्य क्षेत्रों में अभी भी वार्ताओं का दौर जारी है।
दिवाली पर मिठाइयों का आदान-प्रदान
दिवाली के शुभ अवसर पर भारत और चीन के जवानों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर मैत्री का संदेश दिया। यह मिठाई बांटने की रस्म न केवल देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में बल्कि अन्य सीमावर्ती स्थानों जैसे लद्दाख में चुशुल मोल्दो, सिक्किम में नाथूला, और अरुणाचल प्रदेश के बुमला क्षेत्र में भी की गई। दोनों देशों के सैनिकों ने यह मिठाई बांटकर अपने-अपने देशों के बीच मित्रता और सौहार्द का संदेश दिया, जो कि सीमा पर तनाव कम करने और शांति स्थापित करने में सहायक साबित हो सकता है।
देपसांग और डेमचोक में पेट्रोलिंग की शुरुआत
डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया के पूरा होने के बाद स्थानीय कमांडरों के स्तर पर बातचीत हुई, जिसमें यह सहमति बनी कि अब इन क्षेत्रों में पेट्रोलिंग फिर से शुरू की जाएगी। बीते साढ़े चार सालों से इस क्षेत्र में तनाव के कारण पेट्रोलिंग रोक दी गई थी। हाल ही में दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बाद अब इन क्षेत्रों में पेट्रोलिंग की अनुमति दी गई है। यह कदम न केवल सैनिकों की सुरक्षा बल्कि दोनों देशों के बीच सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान
इस डिसएंगेजमेंट के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बयान में बताया कि देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में अब दोनों देशों के सैनिक पहले की तरह गश्त कर सकेंगे। यह एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जयशंकर के अनुसार, समझौता केवल दो क्षेत्रों के लिए ही है, अन्य विवादित क्षेत्रों पर बातचीत जारी है और भविष्य में भी शांति बहाली के प्रयास जारी रहेंगे।
गलवान झड़प के बाद से संबंधों में खटास
जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जो पिछले कई दशकों में सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष थी। इस झड़प के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई थी और सीमा पर तनाव बढ़ गया था। इस तनाव को कम करने के लिए कई दौर की बातचीत की गई। अब देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी और दिवाली के अवसर पर मिठाई बांटने की पहल से दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों की दिशा में एक सकारात्मक संकेत देखने को मिला है।