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Identify Malicious Apps on Google Play Store: सावधान! भारत में साइबर क्राइम का खतरा बढ़ा, ऐसे करें नकली ऐप्स की पहचान

Identify Malicious Apps on Google Play Store: भारत में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है और स्कैमर्स नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं। ये ठग नकली ऐप्स बनाकर भोले-भाले लोगों की पर्सनल डिटेल्स चुरा लेते हैं।

Identify Malicious Apps on Google Play Store: सावधान! भारत में साइबर क्राइम का खतरा बढ़ा, ऐसे करें नकली ऐप्स की पहचान
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By Ragib Asim

Identify Malicious Apps on Google Play Store: भारत में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है और स्कैमर्स नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं। ये ठग नकली ऐप्स बनाकर भोले-भाले लोगों की पर्सनल डिटेल्स चुरा लेते हैं। ये फर्जी ऐप्स असली ऐप्स जैसे दिखते हैं, जिससे लोग इन्हें डाउनलोड कर लेते हैं। इसके जरिए आपकी क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, बैंक जानकारी और अन्य संवेदनशील डेटा लीक हो सकता है।

कैसे करते हैं स्कैमर्स आपकी जानकारी चोरी?

ये नकली ऐप्स आपकी निजी जानकारी हैकर्स तक पहुंचाते हैं। इन डिटेल्स का उपयोग धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग या अन्य गैरकानूनी कामों के लिए किया जा सकता है। अगर आपके फोन में प्राइवेट फोटो या वीडियो हैं, तो हैकर्स उन्हें गलत मकसद से इस्तेमाल कर सकते हैं।

सरकार का प्रयास: नकली ऐप्स से बचाव का तरीका

सरकार लगातार साइबर अपराध से निपटने के लिए कदम उठा रही है। हाल ही में, दूरसंचार विभाग ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें बताया गया है कि आप अपने स्मार्टफोन से खतरनाक ऐप्स को कैसे पहचान सकते हैं।

अपने फोन से खतरनाक ऐप्स कैसे हटाएं?

  • सबसे पहले Google Play Store ओपन करें।
  • ऊपर दाईं ओर दिए गए प्रोफाइल आइकन पर टैप करें।
  • मेनू से Play Protect ऑप्शन चुनें।
  • स्कैन बटन पर क्लिक करें।
  • अगर डिवाइस में कोई खतरनाक ऐप है, तो आपको अलर्ट मिल जाएगा।

मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम कल से लागू

इसके अलावा, 11 दिसंबर से TRAI (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) का 'मैसेज ट्रेसिबिलिटी' नियम लागू हो रहा है। इसके तहत, किसी भी मैसेज को स्वीकार नहीं किया जाएगा जिसमें टेलीमार्केटर्स द्वारा दी गई नंबर सीरीज का इस्तेमाल नहीं होगा। यह कदम फर्जी मैसेज और स्पैम को रोकने के लिए उठाया गया है।

सावधानी ही बचाव है

साइबर अपराध से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें। केवल भरोसेमंद स्रोतों से ऐप्स डाउनलोड करें और नियमित रूप से अपने फोन को स्कैन करें। अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर करने से बचें और संदिग्ध मैसेज पर ध्यान न दें।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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