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IAS Wife Rape Case: गन पॉइंट पर IAS की पत्नी से दुष्कर्म, पुलिस की लापरवाही पर हाई कोर्ट ने उठाए सवाल

IAS Wife Rape Case: एक बार फिर पश्चिम बंगाल पुलिस सवालों के घेरे में है. यहाँ बंदूक की नोंक पर आईएएस अधिकारी की पत्नी से दुष्कर्म हुआ

IAS Wife Rape Case: गन पॉइंट पर IAS की पत्नी से दुष्कर्म, पुलिस की लापरवाही पर हाई कोर्ट ने उठाए सवाल
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IAS Wife Rape Case

By Neha Yadav

IAS Wife Rape Case: एक बार फिर पश्चिम बंगाल पुलिस सवालों के घेरे में है. यहाँ बंदूक की नोंक पर आईएएस अधिकारी की पत्नी से दुष्कर्म हुआ. जिसमे पश्चिम बंगाल पुलिस की लापरवाही पायी है. मामले में कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को फटकार लगाई है. साथ ही आरोपी की जमानत याचिका रद्द कर दी है. वहीँ, इस मामले की जांच डिप्टी कमिश्नर लेवल अधिकारी को सौपी गयी है.

क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक़, मामला लेक थाना इलाके का है. पीड़िता आईएएस अधिकारी की पत्नी एक प्राइवेट फर्म में मैनेजर की पोस्ट पर काम करती है. पीड़िता का आरोप है उनके एक परिचित ने सिर पर बंदूक रखकर उसके साथ दुष्कर्म किया. कथित तौर पर आरोपी ने 14 जुलाई को रात 11.30 बजे और फिर अगले दिन सुबह 6.30 बजे उसके साथ दुष्कर्म किया. इस मामले में 15 जुलाई की शाम 4.15 बजे लेक थाना पहुंची और शिकायत की. लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा एफआईआर नहीं लिखी गयी. इतना ही काफी देर तक थाने में रोककर रखा गया. इतना ही नहीं केस दर्ज करने के दौरान आरोप पत्र में छेड़खानी की गयी और मामूली छेड़छाड़ की धाराएं लगाई गयी. साथ ही निचली अदालत द्वारा अगले ही दिन आरोपी को जमानत दे दिया गया. जिसके बाद पीड़िता कोर्ट पहुंची.

बंगाल पुलिस को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि उसे थाने में धमकी दी गयी. इतना ही नहीं पुलिस वालों ने उसका मेडिकल टेस्ट भी नहीं करवाया. जिसके बाद उसने खुद सरकारी अस्पताल में अपनी मेडिकल जांच कराई है. पीड़िता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि आरोपी के घर में घुसने और बाहर जाने की सीसीटीवी फुटेज लेने से इनकार कर दिया गया. इतना ही नहीं आरोपी की पत्नी और बेटे ने शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया. लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कर्रवाई नहीं की.

हाईकोर्ट के जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने बंगाल पुलिस की लापरवाही को लेकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा, कि एफआईआर कम धारा के तहत क्यों दर्ज किया गया. कोर्ट ने पूछा, घटना के तुरंत बाद शिकायतकर्ता का मेडिकल क्यों नहीं कराया गया? थाने में पीड़िता को धमका दी गई तो सीसीटीवी फुटेज की जांच क्यों नहीं हुई. घटना के दिन शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक की सीसीटीवी फुटेज की कोई जांच क्यों नहीं की गई ?

हाई कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

कोलकाता हाई कोर्ट के जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी की जमानत रद्द कर दी है. हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि, इस मामले की जांच महिला पुलिस की डिप्टी-कमिश्नर लेवल अधिकारी से कराई जाए. साथ ही लापरवाही के आरोप में ऑफिसर इंचार्ज के अलावा पांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.



Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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