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IAS Udit Prakash Rai: आईएएस का फर्जीवाड़ाः जानिये कौन हैं केजरीवाल के करीबी IAS, जिसने मुख्य सचिवों के नाम से जाली हस्ताक्षर करने का किया कारनामा

IAS Udit Prakash Rai:विवादों में रहने वाले दिल्ली के आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय(IAS Udit Prakash Rai) की मुश्किलें बढ़ गयी है

IAS Udit Prakash Rai: आईएएस का फर्जीवाड़ाः जानिये कौन हैं केजरीवाल के करीबी IAS, जिसने मुख्य सचिवों के नाम से जाली हस्ताक्षर करने का किया कारनामा
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By Neha Yadav

IAS Udit Prakash Rai: दिल्ली: विवादों में रहने वाले दिल्ली के आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय(IAS Udit Prakash Rai) की मुश्किलें बढ़ गयी है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना(Lieutenant Governor VK Saxena) ने आईएएस उदित प्रकाश राय के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. उदित प्रकाश पर दो मुख्य सचिवों के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप है.

जालसाजी का केस है दर्ज

उदित प्रकाश राय (एजीएमयूटी कैडर) 2007 बैच के आईएएस है. उदित प्रकाश पर आरोप है कि 2017 से लेकर 2021 के बीच अपने कार्यकाल के दौरान अपनी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) पर दो मुख्य सचिवों के जाली हस्ताक्षर किये. इस मामले में उदित प्रकाश के खिलाफ आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन में धारा 465/471 के तहत जालसाजी का केस दर्ज है. इसके अलावा उदित प्रकाश और भी अधिकारी के नकली हस्ताक्षर करने के आरोप हैं.

मुख्य सचिवों के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप

दरअसल, साल 2022 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को आईएएस उदित प्रकाश राय के सम्बन्ध में एक पत्र लिखा था. जिसमें कहा गया था कि आईएएस उदित प्रकाश राय अपनी एपीएआर ऑनलाइन नहीं भेज रहे हैं. वह इसे मैन्युअल डाउनलोड किया जा रहा है. जिसके बाद सतर्कता विभाग ने इसकी जांच कराई. एपीएआर में 2017 से लेकर 2021 तक समीक्षा अधिकारी रहे सभी आईएएस अफसरों से जवाब माँगा गया जिसमे पता चला उनके द्वारा समीक्षा नही की गयी है.

इतना ही जांच में एपीएआर पर मौजूद हस्ताक्षर और समीक्षा करने वाले अधिकारियों की हस्ताक्षर अलग पाए गए. उदित प्रकाश ने अपनी एपीएआर रिपोर्ट बेहतर दिखाने के लिए तकनीकी खामियां का बहाना बनाकर अपना एपीएआर ऑनलाइन न करके स्पैरो पोर्टल के माध्यम से मैन्युअल रूप से भरा.

सतर्कता निदेशालय के अनुसार, साल 2017 से मार्च 2018 के बीच अंडमान एवं निकोबार प्रशासन में और समीक्षा प्राधिकारी, अंडमान एवं निकोबार के तत्कालीन मुख्य सचिव अनिंदो मजूमदार के हस्ताक्षर फर्जी किए. अप्रैल 2019 से जुलाई 2019 तक अंडमान के तत्कालीन प्रधान सचिव (राजस्व) विक्रम देव दत्त, समीक्षा प्राधिकरण व तत्कालीन मुख्य सचिव चेतन भूषण सांघी के फर्जी सिग्नेचर किये थे. इस दौरान उदित प्रकाश अंडमान एवं निकोबार के डीएम के पद पर पदस्थ थे.

इसके अलावा, अगस्त 2020 से मार्च 2021 के बीच दिल्ली में शिक्षा विभाग के निदेशक रहने के दौरान उदित प्रकाश राय ने एपीएआर में रिपोर्टिंग प्राधिकरण एच राजेश प्रसाद, और तत्कालीन शिक्षा प्रमुख सचिव व दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव विजय कुमार देव के नकली हस्ताक्षर किए.

इस मामले में दिल्ली सरकार के विशेष सचिव वाईवीवीजे राजशेखर की शिकायत पर आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में कहा गया कि आईएएस अधिकारी (एजीएमयूटी 2007) उदित प्रकाश राय ने "पीएआरएस (परफॉरमेंस अप्रेजल रिपोर्ट रूल्स) में मैन्युअल प्रविष्टियां और रिपोर्टिंग/समीक्षा अधिकारियों के हस्ताक्षर दर्ज करके जालसाजी की और जानबूझकर स्पैरो पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन मोड में पीएआरएस लिखने से परहेज किया.

उपराज्यपाल ने दी मुकदमा चलाने की मंजूरी

वहीँ अब उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जाली हस्ताक्षर करने के मामले में आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय से भी सिफारिश की गयी है.

कौन है आईएएस उदित प्रकाश राय

आईएएस उदित प्रकाश राय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी और आम आदमी पार्टी के भरोसेमंद माने जाते थे. उदित प्रकाश ने उत्तर प्रदेश राज्य बोर्ड से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है. उसके बाद बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पिलानी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. 2007 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की. हालाँकि पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली थी. दूसरे प्रयास में 25वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लियर किया. उदित प्रकाश कई अहम् पदों पर रहे है. पूर्व डिप्टी कमिश्नर (दक्षिण अंडमान) और कमिश्नर (जीएसटी) थे. साथ ही दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक रह चुके है .

उदित प्रकाश राय हमेशा से विवादों में रहे है. उदित प्रकाश पर दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड के उपाध्यक्ष रहने के दौरान एक इंजीनियर से रिश्वत लेने का भी आरोप है. 18 अक्टूबर 2021 और 31 मई 2022 के बीच दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ रहते हुए जल विहार में अपने आधिकारिक आवास के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये के एक हेरीटेज स्ट्रक्चर को ध्वस्त करने का भी आरोप है. वर्तमान में उदित प्रकाश भ्रष्टाचार के एक मामले में निलंबित हैं.




Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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