IAS Shubham Gupta: आईएएस शुभम गुप्ता की अनोखी पहल, विजिटिंग कार्ड को बोने से उगेगा गेंदे का पौधा, जानिये कैसे
IAS Shubham Gupta:महाराष्ट्र आईएएस शुभम गुप्ता ने कुछ ऐसा किया है जिसकी खूब तारीफ हो रही है. आईएएस शुभम गुप्ता ने विजिटिंग कार्ड से पौधा उगा रहे है.
IAS Shubham Gupta: पर्यावरण से जुड़ी समस्यायें बढ़ती जा रही है. ऐसे में बेहतर जनजीवन और स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण संरक्षण बेहद जरूरी है. पर्यावरण संरक्षण को लिए लोग अलग-अलग उपाय ढूंढ रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर भी तरह - तरह की पहल की जा रही है. लोगो को वृक्षारोपण का महत्त्व समझाया जा रहा है. इस बीच महाराष्ट्र आईएएस शुभम गुप्ता ने कुछ ऐसा किया है जिसकी खूब तारीफ हो रही है. आईएएस शुभम गुप्ता ने विजिटिंग कार्ड से पौधा उगा रहे है.
देखें फोटो
विजिटिंग कार्ड से उगेगा पौधा
महाराष्ट्र की सांगली मिराज कुपवाड़ा नगर निगम के आयुक्त आईएएस शुभम गुप्ता ने 2 जून 2024 अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर एक विजिटिंग कार्ड की फोटो शेयर की. विजिटिंग कार्ड पर आईएएस अधिकारी का नाम लिखा हुआ है. और उनके सोशल अकाउंट के एड्रेस लिखा हुआ है. साथ ही मोबाईल नम्बर है. फोटो के आईएएस शुभम गुप्ता ने लिखा है "अब से मेरे दफ़्तर में आने वाले हर व्यक्ति को यह कार्ड मिलेगा इसे लगाने पर यह एक खूबसूरत गेंदे के पौधे में बदल जाता है. "
लोग ने की तारीफ़
आईएएस शुभम गुप्ता का यह विजिटिंग कार्ड खूब वायरल हो रहा है. लोग इसकी जमकर तारीफ कर रहे हैं. यूज़र ने कहा "अगर कोई व्यक्ति कार्ड लगाता है और वह एक सुंदर गेंदे के फूल के रूप में विकसित होता है...तो वे आपसे संपर्क कैसे करें, यह कैसे याद रखेंगे? वहीँ एक यूज़र ने कहा "मेरा मानना है कि लोग बिज़नेस कार्ड फेंक देते हैं या खो देते हैं..इसलिए मुझे लगता है कि इसके ज़मीन पर गिरने और पौधे के रूप में उगने की 50% संभावना है" क्या इन्नोवेटिव विचार है, कृपया साझा करें कि ऐसे रेसाइकेबल कार्ड कहां से बनवाये जा सकते हैं.
कौन है आईएएस शुभम गुप्ता
आईएएस शुभम गुप्ता 2019 बैच के अफसर हैं. 11 अगस्त 1993 को उनका जन्म सीकर जिले में पड़ने वाले भूदोली गांव में रहने वाले एक आम परिवार में हुआ था. कम उम्र से ही शुभम से ही यहाँ वहां दुकानो में काम करते थे. लेकिन पढाई नहीं छोड़ी. पढ़ाई के साथ-साथ पिता के साथ काम में भी हाथ बंटाया.इंटरमीडिएट के बाद शुभम ने 2012-2015 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए ऑनर्स की डिग्री हासिल की. उसके बाद यूपीएससी की तैयारी करने लगे. दो बार असफल हुए पर हार नहीं मानी. तीसरे प्रयास में 366 रैंक मिली. उसके बाद म्हणत करते रहे और बिना कोचिंग के चौथे प्रयास में ऑल इंडिया 6 रैंक पाया.