IAS Dr V S Alagu Varshini: दलित छात्रों के लिए IAS ने दिया विवादित बयान, SC-ST कमीशन ने मुख्य सचिव को नोटिस भेज एक्शन लेने का दिया आदेश
IAS Dr V S Alagu Varshini: तेलंगाना की आईएएस अधिकारी डॉ वीएस अलगु वर्षिणी(IAS officer Dr VS Alagu Varshini) अपने एक बयान के कारण फंस गयी है.

IAS Dr V S Alagu Varshini
IAS Dr V S Alagu Varshini: तेलंगाना की आईएएस अधिकारी डॉ वीएस अलगु वर्षिणी(IAS officer Dr VS Alagu Varshini) अपने एक बयान के कारण फंस गयी है. आईएएस डॉ वीएस अलगु वर्षिणी ने कुछ ऐसा कह दिया जिस वजह से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग(NSCC) ने तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेश को नोटिस भेज दिया है.
आईएएस डॉ. वीएस अलगु वर्षिनी का विवादित बयान
दरअसल, बीते दिनों तेलंगाना की सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसायटी (TGSWREIS) की सचिव डॉ. वीएस अलगु वर्षिनी ने गुरुकुल स्कूल के छात्रों को टॉयलेट और हॉस्टल के कमरों की सफाई के लिए कहा था. उन्होंने गुरुकुल स्कूल के प्रिंसिपलों को निर्देश दिया था कि वे वेलफेयर हॉस्टल और क्लासों में स्टूडेंट्स के रूटीन में टॉयलेट और हॉस्टल के कमरों की सफाई के काम को शामिल करें.
आईएएस डॉ. वीएस अलगु वर्षिनी के इस आदेश का एक ऑडियो क्लिप भी वायरल हुआ था. जिसमे वो कह रही थी "छात्रों को कमरे की सफाई करनी चाहिए. उनके कमरे कौन साफ करेगा? एक बार को सफाई कर्मचारी साफ कर देगा. वे अपने शौचालय खुद क्यों नहीं साफ कर सकते? इसमें क्या गलत है? मैं किसी को लग्जरी नहीं दे सकती."
आईएएस को हटाने की मांग
इस ऑडियो के वायरल होते ही बवाल मच गया. आईएएस की बर्खास्ती की मांग की जाने लगी. इस पर बीआरएस की MLC कलवकुंतला कविता ने वायरल ऑडियो को ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा "कि कांग्रेस सरकार का गरीब विरोधी रवैया समाज कल्याण गुरुकुल सोसाइटी के एक अधिकारी के इस चौंकाने वाले व्यवहार से झलकता है. जिसका सबूत ऑडियो क्लिप में मौजूद है!! बीआरएस शासन के दौरान प्रत्येक समाज कल्याण स्कूल को सफाई कार्यों के लिए चार अस्थायी कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए 40,000 रुपये प्रति माह दिए जाते थे। इस साल मई से कांग्रेस सरकार ने इसे बंद कर दिया है.
सरकार ने 240 स्कूलों में सहायक देखभालकर्ताओं की नियुक्ति भी खत्म कर दी है, जिससे छात्रों को वार्डन की भूमिका निभानी पड़ रही है और रसोई का प्रबंधन करना पड़ रहा है. अब अधिकारी बच्चों को स्कूलों में शौचालय साफ करने के लिए मजबूर कर रहे हैं!! यह बयान हाशिए के समुदायों के छात्रों को जाति और वर्ग के पक्षपात से बचाने के लिए गुरुकुल स्थापित करने की अवधारणा के खिलाफ है. यह व्यवहार भेदभावपूर्ण, शोषणकारी है और बाल अधिकारों और सम्मान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. यह केवल रेवंत रेड्डी सरकार के गरीब विरोधी, दलित विरोधी रवैये को दर्शाता है!!
उन्होंने तत्काल अधिकारी को हटाए और समाज कल्याण स्कूलों को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराए. बर्खास्तगी की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी गुरुकुल स्कूलों में पढ़ने वाले दलित छात्रों के साथ भेदभाव कर रही हैं.
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भेजा नोटिस
इधर इस मामले पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव के रामकृष्ण राव और पुलिस महानिदेशक डॉ. जितेन्द्र को नोटिस भेजा है. आयोग ने उन्हें 15 दिनों के भीतर अफसर पर कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
