Begin typing your search above and press return to search.

Manipur Update Hindi: घुसपैठियों को लेकर गृह मंत्रालय की खास एडवाइजरी

Manipur Update Hindi: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर सरकार से अगले साल मार्च तक राज्य में अवैध प्रवासियों, जिनमें ज्यादातर म्यांमार के नागरिक हैं...

Manipur Update Hindi: घुसपैठियों को लेकर गृह मंत्रालय की खास एडवाइजरी
X

Manipur News 

By Manish Dubey

Manipur Update Hindi: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर सरकार से अगले साल मार्च तक राज्य में अवैध प्रवासियों, जिनमें ज्यादातर म्यांमार के नागरिक हैं, की जीवनी और बायोमेट्रिक विवरण हासिल करने की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी।

मणिपुर गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने मणिपु में रहने वाले म्यांमार के लोगों के लिए बायोमेट्रिक प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। उसनेे हाल ही में गृह मंत्रालय से इसके लिए समय एक साल बढ़ाने का अनुरोध किया है।

गृह मंत्रालय के निदेशक (विदेशी) सुरेंद्र कुमार ने मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी को लिखे पत्र में कहा कि मंत्रालय ने मणिपुर सरकार के अनुरोध पर विचार किया है।

गृह मंत्रालय के पत्राचार में, जिसकी प्रति आईएएनएस के पास उपलब्‍ध है, कहा गया है, “…समय अवधि को 31 मार्च 2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार, मणिपुर की राज्य सरकार से संशोधित समय अवधि के भीतर काम को पूरा करने के लिए आवश्यक उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।''

मणिपुर सरकार ने जुलाई से जीवनी और बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करना शुरू कर दिया है और एमएचए द्वारा प्रतिनियुक्त राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की एक टीम ने इंफाल पूर्वी जिले के सजीवा में विदेशियों के डिटेंशन सेंटर में राज्य सरकार की सहायता की है।

पड़ोसी देश में जुलाई में सेना और नागरिक बलों के बीच चल रही झड़पों के बाद 301 बच्चों और 208 महिलाओं सहित लगभग 720 और म्यांमारी नागरिकों ने मणिपुर के चंदेल जिले में प्रवेश किया था।

म्यांमार के नागरिक अब चंदेल में भारत-म्यांमार सीमा के पास सात गांवों - लाजांग, बोन्से, न्यू समताल, न्यू लाजंग, यांग्नोम्फाई, यांग्नोम्फाई सॉ मिल और ऐवोमजंग - में रह रहे हैं। इनके अलावा फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद कई हजार म्यांमार नागरिकों ने मणिपुर में शरण ली थी।

मणिपुर के अलावा हजारों म्यांमारवासी मिजोरम भाग गए और लगभग 35 हजार शरणार्थी अब पड़ोसी राज्‍य में रह रहे हैं।

दोनों पूर्वोत्तर राज्य पहले म्यांमार के नागरिकों के बायोमेट्रिक्स और जीवनी डेटा का संग्रह करने पर सहमत हुए थे। हालाँकि, मिजोरम के मंत्रिमंडल ने बुधवार को अपनी बैठक में राज्य में शरण लेने वाले म्यांमार शरणार्थियों की जीवनी और बायोमेट्रिक विवरण के प्रस्तावित संग्रह को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया।

मिजोरम गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले को गृह मंत्रालय के समक्ष उठाया, लेकिन केंद्र ने जोर देकर कहा कि वह इस प्रक्रिया को जारी रखे।

अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "चुनाव आयोग जल्द ही मिजोरम विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की भी घोषणा कर सकता है और सरकारी अधिकारी आगामी चुनावों की तैयारियों में बहुत व्यस्त होंगे।"

40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा का चुनाव इस साल नवंबर या दिसंबर में होने की संभावना है। कैबिनेट के फैसले को सही ठहराते हुए, मिजोरम के सूचना और जनसंपर्क मंत्री लालरुआत्किमा ने कहा कि म्यांमार के नागरिकों के बायोमेट्रिक विवरण का संग्रह भेदभावपूर्ण होगा क्योंकि म्यांमार और मिज़ोरम के मिज़ोस के बीच समान रक्त संबंध, समान जातीयता, भाषा और रीति-रिवाज हैं।

चार पूर्वोत्तर राज्य - अरुणाचल प्रदेश (520 किमी), मणिपुर (398 किमी), नागालैंड (215 किमी) और मिजोरम (510 किमी) - म्यांमार के साथ 1,643 किमी लंबी बिना बाड़ वाली सीमा साझा करते हैं।

Next Story