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CM के लिए नहीं 'प्रतिभा': प्रतिभा सिंह की प्रेशर पॉलीटिक्स काम नहीं आई, सुक्खू होंगे सीएम, अग्निहोत्री डिप्टी सीएम; आज लेंगे शपथ

CM के लिए नहीं प्रतिभा: प्रतिभा सिंह की प्रेशर पॉलीटिक्स काम नहीं आई, सुक्खू होंगे सीएम, अग्निहोत्री डिप्टी सीएम; आज लेंगे शपथ
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By NPG News

NPG ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए मचे घमासान के बाद अब स्थिति साफ हो गई है। सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री होंगे। वहीं, प्रतिभा सिंह गुट के मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। दोनों रविवार को दोपहर डेढ़ बजे रिज मैदान में शपथ लेंगे। इसमें छत्तीसगढ़ के सीएम व हिमाचल प्रदेश चुनाव के चीफ ऑब्जर्वर भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा भी शामिल होंगे।


इससे पहले आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पद की रेस में प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और सुक्खू आगे-पीछे चल रहे थे। प्रतिभा सिंह वर्तमान में सांसद हैं। वे मंडी की सांसद हैं, लेकिन मंडी जिले में कांग्रेस सिर्फ एक ही सीट जीत पाई। इसे लेकर पार्टी में दो राय हो गई, वहीं कमजोर प्रदर्शन के कारण पार्टी किसी नए चुनाव में नहीं जाना चाहती थी, इसलिए सुक्खू आगे हो गए।

हालांकि प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने काफी हंगामा किया। ऑब्जर्वर भूपेश बघेल की गाड़ी रोक दी। यही नहीं, शनिवार को विधानसभा के अंदर घुस गए और प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दबाव बनाने लगे। हालांकि यह प्रेशर पॉलीटिक्स काम नहीं आई। आलाकमान ने सुक्खू के नाम पर हरी झंडी दे दी। हालांकि सत्ता समीकरण में सामंजस्य बनाए रखने के लिए प्रतिभा गुट के अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है।


विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीतने के बाद भाजपा प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, चीफ ऑब्जर्वर भूपेश बघेल, भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा आदि नेताओं ने राज्यपाल से राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से भेंट कर सरकार गठन के लिए पत्र सौंपा था। हालांकि सीएम का नाम तय करने के लिए लंबी जद्दोजहद करनी पड़ी। प्रतिभा सिंह और सुक्खू के समर्थकों के प्रदर्शन और दबाव के कारण आलाकमान पर छोड़ दिया गया था। आलाकमान की ओर से सुक्खू का नाम फाइनल किया गया।

भाजपा हारी लेकिन इन आंकड़ों से निराशा नहीं

हिमाचल प्रदेश में डबल इंजन सरकार से होने वाले फायदों का दावा काम नहीं आया। हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं ने 1985 से चला आ रहा ट्रेंड बरकरार रखा। बेहतर शासन और विकास मॉडल के बावजूद भाजपा हार गई। यह हार इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के साथ-साथ मोदी-शाह के करीबी अनुराग ठाकुर का गृह राज्य है। हालांकि इस हार से भाजपा में निराशा के बजाय 2024 में होने वाले चुनाव के लिए उम्मीद की किरण है, क्योंकि ओवरऑल 37974 वोटों से भाजपा हारी है। यानी कांग्रेस के 40 विधायक जितनी लीड से जीते हैं, वह जोड़ दें तो 37974 है, जबकि सीएम जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर को 37007 वोटों से हराया है। भाजपा इसे अच्छा संकेत मानकर चल रही है।

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