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High Court News: टेरर फंडिंग पर सजा बढ़ाने की मांग, NIA ने यासीन मलिक के लिए लगाई फांसी की अर्जी, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

High Court News:कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग करते हुए एनआईए ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। एनआईए की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यासीन मलिक से जवाब मांगा है। सुरक्षा कारणों के चलते यासीन को फिजिकल उपस्थिति की अनुमति नहीं है। वर्चुअली उनको अपना जवाब पेश करना होगा। यासीन ने अपनी पैरवी खुद करने का निर्णय लिया है।

High Court News: टेरर फंडिंग पर सजा बढ़ाने की मांग, NIA ने यासीन मलिक के लिए लगाई फांसी की अर्जी, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
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By Radhakishan Sharma

High Court News:दिल्ली। टेरर फंडिंग के आरोप में दोषी ठहराए जाने के बाद उम्र कैद की सजा भुगत रहे कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक का फांसी की सजा देने की मांग करते हुए एनआईए ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील पेश की है। एनआईए की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मलिक से जवाब मांगा है। मलिक को कोर्ट में वर्चुअल उपस्थित होना होगा। सुरक्षागत कारणों से उसकी शारीरिक उपस्थिति से कोर्ट ने मना कर दिया है।

एनआईए की याचिका पर जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस शालिंदर कौर की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। बेंच ने मलिक को जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए बेंच ने 10 नवंबर की तिथि तय कर दी है। सोमवार को सुनवाई के दौरान मलिक वर्चुअल उपस्थित नहीं हो पाए। कोर्ट ने अगली सुनवाई में वर्चुअल उपस्थिति का निर्देश दिया है। टेरर फंडिंग के मामले में ट्रायल कोर्ट ने मलिक के उम्र कैद की सजा सुनाई थी। ट्रायल कोर्ट के फैसले के बाद खुद को दोषी मानते हुए इसे स्वीकार कर लिया था। लिहाजा हाई कोर्ट में फैसले काे चुनौती नहीं दी थी। ट्रायल कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है अपराध सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय दुलर्भ प्रवृित रेयरेस्ट आफ रेयर नहीं है।

मलिक के दावे को ट्रायल कोर्ट ने कर दिया था खारिज-

सुनवाई के दौरान मलिक ने कहा था कि वह गांधीवादी तरीके से व अहिंसा के सिद्धांत का पालन करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से नेतृत्व कर रहे थे। मामले की सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने मलिक के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया था। कोर्ट ने मलिक और अन्य के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम UAPA के तहत आरोप तय करते हुए आजन्म कारावास की सजा सुनाई थी। ट्रायल कोर्ट ने मलिक के साथ हाफिज मोहम्मद सईद, शब्बीर अहमद शाह, हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सलाउद्दीन, राशिद इंजीनियर, जहीर अहमद शाह वटाली, शाहिद-उल-इस्लाम, अल्ताफ अहमद शाह उर्फ फंतूश, नईम खान, फारूक अहमद डार उर्फ बित्त कराटे को उम्र कैद की सजा दी है। कोर्ट ने कमरान यूसुफ, जावेद अहमद भट्ट और सैयदा आसिया फिरदौस अंद्राबी को आरोपों से बरी कर दिया था।


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