भारी बारिश की चेतावनी, छत्तीसगढ़ में बदला मौसम, इन राज्यों में अगले 24 घंटे के दौरान होगी मूसलाधार बरसात
Heavy rain warning: गर्मी की मार झेल रहे छत्तीसगढ़ में भी अब झमाझम बारिश का दौर दिखने लगा है

chhattisgarh, mansoon
Heavy rain warning नई दिल्ली। देश में बारिश का दौर शुरू हो चुका है। बरसात की वजह से लोगों को उमस वाली गर्मी से काफी हद तक राहत मिल रही है। दोपहर और रात के तापमान में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। वहीं, कुछ राज्यों में भारी बारिश से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इधर, गर्मी की मार झेल रहे छत्तीसगढ़ में भी अब झमाझम बारिश का दौर दिखने लगा है। आज दोपहर राजधानी रायपुर में जबरदस्त बारिश हुई। इन सब के बीच भारतीय मौसम विभाग ने देश कई राज्यों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग आईएमडी के मुताबिक, अगले दो दिनाों तक यानी 12 जुलाई, कई राज्यों में झमाझम बारिश हो सकती है। आने वाले दिनों में दिल्ली, छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, असम, मेघालय, अरुणाचल राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा प्रदेश सहित कई राज्यों में बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है।
राज्यों के लिए अलर्ट जारी
मौसम एजेंसी स्काई मेट वेदर के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश संभव है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, लक्षद्वीप, कोंकण, गोवा, तटीय कर्नाटक, तेलंगाना के कुछ हिस्सों और दक्षिण छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मध्य प्रदेश, पूर्वोत्तर भारत, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और केरल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। लद्दाख, जम्मू कश्मीर, गंगीय पश्चिम बंगाल, सौराष्ट्र और कच्छ, रायलसीमा, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु में हल्की बारिश संभव है।
जानिए मानसून का हाल
मौसम एजेंसी के मुताबिक, मानसून कि अक्षय रेखा जैसलमेर, अजमेर, गुना, सतना, डाल्टनगंज, जमशेदपुर, दीघा से होकर पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुई है।
गुजरात के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है। एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्वोत्तर असम और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। दक्षिण गुजरात तट से केरल तट तक एक ट्रफ रेखा फैली हुई है।
लगभग 18° उत्तरी अक्षांश पर औसत समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किलोमीटर ऊपर एक कतरनी क्षेत्र बना हुआ है।