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IPS पूरन सुसाइड केस में बड़ा एक्शन: रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया पद से हटाए गए, सुसाइड नोट में था नाम, जानिए अब क्या होगा?

Y Puran Kumar Suicide Case Update: हरियाणा के सीनियर IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में हरियाणा सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई कर दी है। शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक (SP) नरेंद्र बिजारणिया को उनके पद से हटा दिया गया।

हरियाणा के IPS वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया हटाए गए
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सुसाइड नोट में नाम आने के बाद रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया को पद से हटाया गया, SIT जांच जारी

By Ragib Asim

Y Puran Kumar Suicide Case Update: हरियाणा के सीनियर IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में हरियाणा सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई कर दी है। शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक (SP) नरेंद्र बिजारणिया को उनके पद से हटा दिया गया। सरकार ने आदेश जारी करते हुए बताया कि उनकी जगह IPS सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का नया SP नियुक्त किया गया है।



पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में नरेंद्र बिजारणिया सहित आठ वरिष्ठ अफसरों के नाम लिखे थे जिन पर उन्होंने जाति के आधार पर भेदभाव (Caste Discrimination), मानसिक उत्पीड़न (Mental Harassment) और सार्वजनिक अपमान (Public Humiliation) के आरोप लगाए थे।

क्या लिखा था वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में

52 वर्षीय वाई पूरन कुमार, जो 2001 बैच के हरियाणा कैडर के IPS अधिकारी थे, उन्होंने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली थी। मरने से एक दिन पहले उन्होंने अपनी वसीयत और 9 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था। नोट में उन्होंने साफ साफ़ लिखा था मुझे जातिगत कारणों से बार-बार अपमानित किया गया, पदोन्नति रोकी गई और मानसिक रूप से तोड़ा गया। मुझे सिस्टम से न्याय नहीं मिला। इस नोट में उन्होंने हरियाणा DGP शत्रुजीत कपूर, रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया, और कई अन्य IPS अधिकारियों के नाम लिखे थे।

आईपीएस की आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार FIR में संशोधन की मांग पर अड़ीं

मृतक की पत्नी और वरिष्ठ IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस से FIR में सभी आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से शामिल करने और गलत फॉर्मैट सुधारने की मांग की है। उन्होंने SSP कंवरदीप कौर को पत्र लिखकर कहा है FIR में कई नामों का उल्लेख अधूरा है, और कुछ धाराएँ जानबूझकर कमजोर रखी गई हैं। अमनीत ने यह भी कहा कि जब तक पूरा न्याय नहीं मिलता, तब तक वे अपने पति का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाएँगी। शव पिछले 5 दिनों से सेक्टर-16 अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखा है।

एसआईटी (SIT) ने संभाली जांच

चंडीगढ़ पुलिस ने इस केस की जांच के लिए 6 सदस्यीय SIT गठित की है। इस टीम का नेतृत्व IG पुष्पेंद्र कुमार कर रहे हैं, जबकि SSP कंवरदीप कौर और कई सीनियर अधिकारी इसमें शामिल हैं। SIT को निर्देश दिया गया है कि वह सुसाइड नोट की फॉरेंसिक रिपोर्ट, सर्वर और मोबाइल डेटा, वसीयत से संबंधित दस्तावेज़ों की जांच जल्द पूरी करे।
NCSC चेयरमैन की एंट्री बोले– परिवार को पूरा न्याय मिलेगा
शनिवार शाम राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के चेयरमैन किशोर मकवाना पूरन कुमार के चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास पहुँचे। उन्होंने परिवार से मुलाकात कर कहा पूरन कुमार सिर्फ एक अफसर नहीं, बल्कि सिस्टम में न्याय और सम्मान के प्रतीक थे। आयोग हर स्तर पर इस केस की निगरानी करेगा।

हरियाणा सरकार पर बढ़ा दबाव

पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद सरकार पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। FIR में शामिल अफसरों की संख्या 15 बताई जा रही है। वहीं, DGP शत्रुजीत कपूर की छुट्टी की चर्चाओं के बीच अब बिजारणिया का हटाया जाना पहला ठोस प्रशासनिक एक्शन माना जा रहा है।
सरकार ने अब तक इस केस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार SIT की रिपोर्ट आने के बाद फैसले लेगी।

क्यों अहम है यह एक्शन

वाई पूरन कुमार केस हरियाणा के इतिहास का पहला मामला है जहां एक सीनियर IPS अधिकारी ने जातिगत उत्पीड़न के आरोपों के साथ आत्महत्या की। इस केस ने राज्य की पुलिस प्रशासनिक जवाबदेही (Accountability) और सिस्टम में दलित अफसरों के साथ भेदभाव के सवालों को फिर से जीवित कर दिया है।

Ragib Asim

Ragib Asim is a senior journalist and news editor with 13+ years of experience in Indian politics, governance, crime, and geopolitics. With strong ground-reporting experience in Uttar Pradesh and Delhi, his work emphasizes evidence-based reporting, institutional accountability, and public-interest journalism. He currently serves as News Editor at NPG News.

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