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Harsh Sanghvi : सबसे कम उम्र में पहले विधायक अब बने डिप्टी सीएम हर्ष संघवी, जानिये संघवी की पूरी जीवन गाथा

Harsh Sanghvi :

Harsh Sanghvi : सबसे कम उम्र में पहले विधायक अब बने डिप्टी सीएम हर्ष संघवी,  जानिये संघवी की पूरी जीवन गाथा
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By Meenu Tiwari

Harsh Sanghvi Deputy CM : कई राज्यों में जीत के बाद गुजरात में भी एक बार फिर से बीजेपी सरकार डिप्टी सीएम की नीति को अपनाई है। और इस बार सबसे कम उम्र में राज्य के डिप्टी सीएम बने हर्ष संघवी. शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल में सूरत से आने वाले हर्ष संघवी का बड़ा प्रमोशन हुआ। 40 साल की उम्र में यह मुकाम हासिल करने वाले संघवी की राजनीतिक सफर बहुत खास रहा है. उन्हें गुजरात का उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। पिछले चार साल से राज्य में कोई डिप्टी सीएम नहीं था।


गुजरात की राजनीति में हर्ष सांघवी का नाम अब किसी परिचय का मोहताज नहीं है. बांग्लादेशी घुसपैठियों पर लगातार बुलडोजर ऐक्शन, सख्त प्रशासनिक रुख और युवाओं के बीच लोकप्रिय छवि, इन सबने उन्हें राज्य की राजनीति का उभरता सितारा बना दिया है. अब उन्हें गुजरात का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है, जो उनके तेजी से बढ़ते राजनीतिक सफर की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.




हर्ष संघवी अभी तक भूपेंद्र पटेल सरकार में गृह राज्य मंत्री के साथ परिवहन और खेल विभाग को स्वतंत्र प्रभार के तौर पर संभाल रहे थे। अब उन्हें बड़ी पदोन्नति मिली है। वह गुजरात के छठवें डिप्टी सीएम बने हैं। नितिन पटेल आखिरी डिप्टी सीएम थे। हर्ष संघवी सबसे कम उम्र में राज्य के डिप्टी सीएम बने हैं। हर्ष संघवी ने जब उप मुख्यमंत्री की शपथ ली तो समारोह में इसकी गूंज दिखी।


40 साल के हैं हर्ष संघवी

8 जनवरी, 1985 को जन्मे हर्ष संघवी अभी 40 साल के हैं। हर्ष संघवी पूर्व में गुजरात बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वह 2012 में चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद से लगातार वह सूरत मजूरा सीट से चुनाव जीत रहे हैं। पिछले चुनावों में उन्होंने आप के उम्मीदवार और पूर्व बीजेपी नेता पीवीएस शर्मा को 1.16 लाख से अधिक वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी। संघवी अभी तक गुजरात में खेल, युवा सेवा, स्वैच्छिक संगठन समन्वय, अनिवासी गुजराती प्रभाग, परिवहन, गृह रक्षक दल और ग्राम रक्षक दल, नागरिक सुरक्षा, जेल, सीमा सुरक्षा (सभी स्वतंत्र प्रभार), गृह और पुलिस आवास, उद्योग, सांस्कृतिक गतिविधियाां के राज्य मंत्री थे।




हर्ष संघवी के पास कितनी संपत्ति ?

हर्ष संघवी ने 15 साल की आयु में राजनीति में कदम रखा था। उनके पिता हीरा कारोबारी थे। उनके पिता का नाम रमेश कुमार संघवी और मां का नाम देवेंद्रबेन संघवी है। संघवी ने कक्षा नौ तब पढ़ाई की है। उनकी पत्नी का नाम प्राची है। जो गृहणी हैं। हर्ष संघवी की दो संतानें हैं। बेटे का नाम आरुष और बेटी का नाम निरवा है। हर्ष राजनेता होने के साथ हीरा बिजनेसमैन भी हैं। जब उनके पिता का निधन हुआ था तो उद्योगपति गौतम अडानी भी उनके घर पहुंचे थे। हर्ष संघवी के पास 12.32 करोड़ रुपये की संपत्ति है। जिसमें आभूषण के साथ एक टोयोटा फॉच्र्यूनर गाड़ी शामिल है। उनकी पत्नी का कई कंपनियों में निवेश है। जिसकी कुल वैल्यू पिछले एफिडेविट के अनुसार 10.51 करोड़ रुपये है। इसके बाद उनके पास 5.10 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी है। जिसमें उनका घर शामिल है। हर्ष संघवी के उप मुख्यमंत्री बनने पर उद्धव ठाकरे गुट की नेता प्रियंका चुतर्वेदी ने भी उन्हें बधाई दी है।


27 साल की उम्र में बने सबसे कम के विधायक

हर्ष सांघवी काफी कम उम्र में ही विधायक बन गए थे.कम उम्र में ही उन्हें राज्य के गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. हर्ष के नाम गुजरात में सबसे कम उम्र में विधायक बनने का रिकॉर्ड है. संघवी ने 2012 में मात्र 27 साल की उम्र में माजुरा विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव जीता था. तब से वे लगातार इस सीट से जीतते आ रहे हैं. उनकी मेहनत और जनता से जुड़ाव ने उन्हें बीजेपी में एक भरोसेमंद चेहरा बनाया.

36 में गृह राज्य मंत्री, अब डिप्टी सीएम

2021 में 36 साल की उम्र में हर्ष संघवी को भूपेंद्र पटेल सरकार में गृह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया. उन्होंने गृह, खेल, और युवा कल्याण जैसे विभागों में शानदार काम किया. सूरत में अपराध और नशे के खिलाफ उनकी सख्ती को खूब सराहा गया. अब, 40 साल की उम्र में उन्हें डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी मिली है.




हर्ष संघवी ही क्यों बनाए गए डिप्टी सीएम ?

हर्ष संघवी, गुजराती जैन हैं। गुजरात में 2027 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी ने नए मंत्रिमंडल में सोशल इंजीनियरिंग की है, जिसमें हर वर्ग के लोगों को कैबिनेट में शामिल किया गया है। हर्ष संघवी भी जैन समाज से आते हैं। गुजरात में जैन समुदाय आर्थिक रूप से मजबूत धार्मिक समूहों में गिना जाता है। जैन समाज की आबादी भले ही राज्य में करीब 1 लाख हो लेकिन यह समुदाय बेहद असरदार है। जानकारों का कहना है कि यह भी उनके प्रमोशन की एक वजह हो सकती है। हर्ष संघवी बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के करीबी हैं। उनकी मजबूत दखल, भूपेंद्र पटेल सरकार में भी है। अब बीजेपी ने उनकी भूमिका और बढ़ा दी है।

किन विभागों को संभाल चुके हैं ?


हर्ष संघवी, भूपेंद्र पटेल की मंत्रिमंडल में खेल, युवा सेवा, प्रवासी गुजरातियों का प्रभाग, परिवहन, गृह रक्षक दल, ग्राम रक्षक दल, नागरिक सुरक्षा, जेल, सीमा सुरक्षा, गृह और पुलिस आवास, उद्योग, और सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे विभागों को संभाल चुके हैं।

कहां से विधायक हैं हर्ष संघवी ?

हर्ष संघवी साल 2022 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में मुजूरा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। उनके खिलाफ आम आदमी पार्टी के पीवीएस शर्मा ने चुनाव लड़ा था। AAP को सिर्फ 16669 वोट पड़े थे, वहीं हर्ष संघवी को 133,335 वोट पड़े थे। उन्होंने करीब 1,16,675 वोटों से चुनाव जीता था।




कितने पढ़े-लिखे हैं हर्ष संघवी ?

नौवीं पास हैं। उन्होंने टीवी हाई स्कूल, नानपुरा, सूरत से पढ़ाई की है। उनकी और शिक्षा के बारे में ज्यादा विवरण उपलब्ध नहीं है।


कितनी संपत्ति के मालिक हैं ?

हर्ष संघवी के पास 17 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है। इसमें बैंक बैलेंस, वाहन, नकद, बीमा, निवेश भी शामिल है। उनके पास 1.25 करोड़ के आसपास अचल संपत्ति है। उनकी सूरत में कुछ जमीनें हैं। उन पर करीब 8 करोड़ रुपये का कर्ज है।

कैसे राजनीति में आए ?

हर्ष संघवी ने 15 साल की उम्र में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। बीजेपी की युवा शाखा, युवा मोर्चा के साथ उन्होंने काम किया था। साल 2012 में उन्होंने रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीता और गुजरात विधानसभा में चौथे सबसे बड़े विजेता बने। 27 साल की उम्र में सबसे युवा विधायक बने। उन्होंने तापी नदी को साफ करने के लिए 'क्लीन तापी' अभियान शुरू किया। यहीं से उनका सियासी कद लगातार बढ़ता गया। वह तीन बार के विधायक हैं।


कम उम्र में बड़ी शुरुआत

लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, 8 जनवरी 1985 को जन्मे हर्ष सांघवी ने राजनीति की राह बेहद कम उम्र में पकड़ ली थी. सिर्फ 15 साल की उम्र में उन्होंने छात्र संगठन से जुड़कर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. युवाओं के बीच सक्रियता और नेतृत्व कौशल के दम पर वे जल्दी ही भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में अहम भूमिका निभाने लगे.


27 की उम्र में सबसे युवा विधायक


इसके बाद, साल 2012 में हर्ष सांघवी ने पहली बार सूरत की मजूरा सीट से चुनाव जीता और 27 साल की उम्र में गुजरात विधानसभा के सबसे युवा विधायक बने. उन्होंने अपनी जीत को 2017 और 2022 के चुनावों में भी दोहराया. 2022 में उन्होंने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पर 1.16 लाख से अधिक वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की.

तेजी से आगे बढ़ता राजनीतिक करियर


हर्ष सांघवी को 2021 में राज्य का गृह राज्य मंत्री बनाया गया था. यह वही विभाग है, जिसे पहले अमित शाह और प्रदीपसिंह जडेजा जैसे बड़े नेताओं ने संभाला था. 36 साल की उम्र में वे गुजरात के सबसे युवा गृह राज्य मंत्री बने. अपने सख्त प्रशासनिक फैसलों और तेजी से काम करने के अंदाज ने उन्हें ‘गुजरात के अगले अमित शाह’ की छवि दिलाई.



कड़े फैसलों से बनी अलग पहचान

सांघवी ने कानून-व्यवस्था को लेकर कई सख्त कदम उठाए. साल 2025 में रांदर में अवैध बांग्लादेशी बस्तियों पर बुलडोजर ऐक्शन, बड़े ड्रग तस्करी मामलों का पर्दाफाश और ‘क्लीन तापी’ अभियान जैसी पहलें उनके कार्यकाल को चर्चा में रखती रहीं. वे युवाओं के बीच भी लोकप्रिय रहे, उन्होंने रोजगार मेले और प्रेरक अभियानों के जरिए युवाओं को जोड़ने की कोशिश की.

भविष्य के नेता

हर्ष सांघवी को बीजेपी नेतृत्व विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राज्य अध्यक्ष सी.आर. पाटिल संगठन और प्रशासन, दोनों में सक्षम मानते हैं. माना जा रहा है कि अगर 2027 में भी बीजेपी सत्ता में लौटती है, तो उन्हें मुख्यमंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.


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