Begin typing your search above and press return to search.

Gurugram Land Fraud: गुरुग्राम में फर्जी GPA बनाकर NRI की 40 करोड़ की जमीन बेची, ASI समेत 5 लोग गिरफ्तार

Gurugram Land Fraud: गुरुग्राम पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने गुरुग्राम में एक एनआरआई की 40 करोड़ रुपये की जमीन हड़पने के आरोप में हरियाणा पुलिस के एक सहायक उप-निरीक्षक और दिल्ली के तहसील कार्यालय के एक संविदा कर्मचारी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

Gurugram Land Fraud: गुरुग्राम में फर्जी GPA बनाकर NRI की 40 करोड़ की जमीन बेची, ASI समेत 5 लोग गिरफ्तार
X
By Npg

Gurugram Land Fraud: गुरुग्राम पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने गुरुग्राम में एक एनआरआई की 40 करोड़ रुपये की जमीन हड़पने के आरोप में हरियाणा पुलिस के एक सहायक उप-निरीक्षक और दिल्ली के तहसील कार्यालय के एक संविदा कर्मचारी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से करीब 40 करोड़ रुपये की जमीन को 6.6 करोड़ रुपये में खरीदने का झांसा देकर एनआरआई की जमीन अपने नाम कर ली थी। जांच से पता चला कि 1.5 एकड़ से अधिक की जमीन दक्षिणी पेरिफेरल रोड (एसपीआर) पर बगमपुर खटोला गांव में स्थित थी और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके इसे हड़प लिया गया था।

एनआरआई पूरन मनचंदा की शिकायत के आधार पर एसआईटी ने मामले की जांच की और संदिग्धों - सुभाष चंद, वकील टोनी यादव, संजय गोस्वामी - दिल्ली के कालकाजी तहसील कार्यालय में एक अनुबंधित रिकॉर्ड कीपर भीम सिंह राठी और गुरुग्राम पुलिस के आर्थिक कार्यालय विंग में तैनात एएसआई प्रदीप, जिन्होंने कथित तौर पर संदिग्धों से रिश्‍वत लेकर जमीन के जाली दस्तावेज बनाए थे, को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने बताया कि टीम ने जांच के दौरान एएसआई के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक अलग मामला दर्ज किया है। संदिग्धों के खिलाफ बादशाहपुर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 120-बी, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस के मुताबिक, शिकायतकर्ता मनचंदा ने 1 मार्च, 2022 को सभी संदिग्धों के खिलाफ कथित तौर पर उसकी जमीन हड़पने के लिए जमीन के दस्तावेजों में जालसाजी करने की शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि संदिग्धों ने जमीन के मूल जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) रिकॉर्ड में जालसाजी की थी और गोस्वामी की मदद से फर्जी जीपीए और अन्य दस्तावेज तैयार किए थे, जिन्होंने जमीन का रिकॉर्ड बदलने के लिए 5 लाख रुपये लिए थे।

पुलिस ने कहा, इसके बाद आरोपियों ने जमीन हड़प ली और उन दस्तावेजों के आधार पर फर्जी तरीके से विनोद के नाम पर रजिस्ट्री करा ली। जीपीए के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए संदिग्धों ने मेजर पी.के. मेहता सहित कुछ लोगों को फर्जी गवाह भी बनाए। मेहता की वर्ष 2001 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी और वकील संदीप, जिनके जीपीए पर हस्ताक्षर टोनी यादव ने फर्जी दस्‍तखत किए थे।

आरोपी ने फर्जी जीपीए के आधार पर शिकायतकर्ता की 15 कनाल 2 मरला जमीन विनोद के नाम कर दी, जिसका उल्लेख राठी, शैल नारंग और ओम भाटी ने किया था। जांच के दौरान यह भी पता चला कि ईओडब्ल्यू शाखा में पदस्थ एएसआई प्रदीप आरोपियों को फायदा पहुंचाने के लिए उनसे पैसे लेता था। आरोपियों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने कहा, "गुरुग्राम पुलिस भ्रष्टाचार में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है। इसलिए, यदि कोई भी पुलिस अधिकारी किसी भी तरह के मामले में किसी भी तरह से शामिल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

Next Story