Gujrat High Court: बीमार मां से मिलने नारायण साईं को मिली सशर्त जमानत, जमानत के दौरान इन जगहों पर जाने की नहीं मिलेगी छूट
Gujrat High Court: हाई कोर्ट ने नारायण साईं को बीमार मां से मिलने के लिए सशर्त जमानत दे दी है। जमानत के दौरान नारायण साईं को बीमार मां के पास ही रहना होगा। अपने या पिता के अनुयायियों से मुलाकत की छूट नहीं मलेगी।

Gujrat High Court News: हाई कोर्ट ने नारायण साईं को बीमार मां से मिलने के लिए सशर्त जमानत दे दी है। हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने अपने आदेश में कहा, याचिकाकर्ता को पुलिस निगरानी में रिहाई की तिथि से पांच दिनों की अवधि तक अस्थायी जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है। हाई कोर्ट ने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता को उसकी बीमार मां से मिलने के लिए पुलिस निगरानी में पांच दिनों की अस्थायी जमानत दिया गया है। सशर्त जमानत आदेश में डिवीजन बेंच ने साफ लिखा है कि याचिकाकर्ता साईं को अपनी मां के निवास के अलावा किसी अन्य स्थान पर रहने या मिलने की अनुमति नहीं होगी। अस्थायी जमानत अवधि पांच दिनों के बाद उसे वापस जेल लाया जाएगा। डिवीजन बेंच ने यह भी हिदायत दी है कि याचिकाकर्ता अपने या पिता के अनुयायियों के समूह से नहीं मिलेगा। इस तरह मिलने की अनुमति कोर्ट ने नहीं दी है।
याचिकाकर्ता साईं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता साईं आखिरी बार फरवरी, 2021 में अपनी बीमार मां से मुलाकात की थी और तब से वह उनसे नहीं मिल पा रहा है। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की मां हृदय रोग से पीड़ित है और उनकी स्वास्थ्य गंभीर बनी हुई है। बीमार मां को देखने के लिए अस्थायी जमानत की मांग की। पीड़िता के अधिवक्ता ने अस्थायी जमानत देने का विरोध करते हुए कहा कि मां की बीमारी के संबंध में किसी तरह का मेडिकल रिपोर्ट पेश नहीं किया गया है। डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को सशर्त अस्थायी जमानत दे दी है।
सेशन कोर्ट ने सुनाई है आजीवन कारावास की सजा
नारायण साईं को सूरत के सेशन कोर्ट ने 30 अप्रैल, 2019 को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(2)(एफ) , 376 (क) ), 376 (एन) , 377 (अप्राकृतिक अपराध), 354 , धारा 323, धारा 504 और धारा 506(2) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया था। कोर्ट ने आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। दिसंबर, 2013 से जेल में बंद हैं।
30 अगस्त तक सरेंडर करने आसाराम बापू को हाई कोर्ट का आदेश
राजस्थान हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में याचिकाकर्ता नारायण साईं के पिता आसाराम बापू को 30 अगस्त तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। एक अन्य बलात्कार मामले में आसाराम बापू की गुजरात हाई कोर्ट में अस्थायी ज़मानत याचिका 22 सितंबर को सूचीबद्ध है। जून में गुजरात हाई कोर्ट ने आसाराम बापू की स्वास्थ्य स्थिति और पिता-पुत्र के व्यक्तिगत रूप से न मिल पाने के तथ्य को ध्यान में रखते हुए नारायण साईं को मानवीय आधार पर पिता आसाराम बापू से मिलने के लिए 5 दिनों की अस्थायी ज़मानत दी थी।
