Goa Night Club Fire: गोवा नाइट क्लब अग्निकांड में सभी 25 मृतकों की हुई पहचान, क्लब के 5 अधिकारी गिरफ्तार, जानिए अब तक क्या हुआ?
Goa Night Club Fire: गोवा के अरपोरा स्थित नाइट क्लब अग्निकांड में 25 लोगों की मौत, सभी की पहचान उजागर, क्लब के 5 अधिकारी गिरफ्तार, मालिक फरार।

Goa Night Club Fire: गोवा के अरपोरा स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में शनिवार देर रात लगी भीषण आग में जान गंवाने वाले सभी 25 लोगों की पहचान कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, हादसे में मरने वालों में 20 क्लब कर्मचारी और 5 पर्यटक शामिल हैं। अब तक 17 शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है, जबकि 6 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि 25 में से 23 शवों पर जलने के निशान नहीं मिले, जबकि केवल 2 शव बुरी तरह झुलसे हुए थे, जिससे मौत की असली वजह दम घुटना मानी जा रही है।
23 लोगों की दम घुटने से मौत
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के बाद अक्सर लोग जान बचाने के लिए क्लब के किचन और बेसमेंट की ओर भागे थे, लेकिन धुएं के तेजी से फैलने और हवा के रास्ते बंद हो जाने के कारण उनका बचना नामुमकिन हो गया। मृतकों में दिल्ली के पर्यटक सरोज जोशी, अनीता जोशी, कमला जोशी, विनोद कुमार और कर्नाटक के पर्यटक इशाक शामिल हैं। कर्मचारियों में चार-चार उत्तराखंड और नेपाल से थे, जबकि तीन-तीन झारखंड और महाराष्ट्र के थे। इसके अलावा असम, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कर्मचारी भी मृतकों में शामिल हैं।
क्लब के 5 वरिष्ठ अधिकारी गिरफ्तार
इस मामले में गोवा पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए क्लब के मुख्य महाप्रबंधक राजीव मोदक, महाप्रबंधक विवेक सिंह, बार प्रबंधक राजवीर सिंघानिया, गेट प्रबंधक प्रियांशु ठाकुर और अपार्टमेंट संचालन प्रबंधक भरत सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, अवैध लाइसेंस और सुरक्षा स्टैण्डर्ड की अनदेखी समेत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। दोनों फिलहाल फरार हैं और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
केवल दो एग्जिट गेट, लकड़ी के ढांचे से तेजी से भड़की आग
पुलिस जांच में सामने आया है कि क्लब में आग लगने के बाद लकड़ी के ढांचे और फर्नीचर के कारण लपटें बहुत तेजी से फैल गईं, जिससे अंदर मौजूद लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल सका। क्लब में केवल दो एग्जिट डोर थे, जो भीड़ के दबाव में नाकाफी साबित हुए। पुलिस ने यह भी कहा कि हादसे के दौरान किसी प्रकार का विस्फोट नहीं हुआ था, बल्कि आग का फैलाव पूरी तरह अंदरूनी बनावट की वजह से हुआ।
आतिशबाजी बनी आग लगने की वजह
प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि शनिवार-रविवार की रात क्लब के अंदर हो रही आतिशबाजी के कारण आग भड़की थी। जांच में यह भी सामने आया कि क्लब में अवैध निर्माण किया गया था, आने-जाने का रास्ता बेहद तंग था और फायर सेफ्टी समेत तमाम सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी की गई थी। इसी लापरवाही ने इस हादसे को इतना भयावह बना दिया।
मुआवजे का ऐलान, अधिकारियों पर भी गिरी गाज
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। वहीं 2023 में क्लब संचालन की अनुमति देने के मामले में लापरवाही बरतने वाले 3 वरिष्ठ अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है जिनमें तत्कालीन पंचायत निदेशक भी शामिल हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
