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500 Rupee Note Update: सावधान! बाजार में आ गया असली जैसा 500 का नकली नोट, गृह मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट, जानिए असली-नकली की पहचान

500 Rupee Note Update: देश के बाजारों में 500 रुपये के नकली नोटों की बाढ़ ने गृह मंत्रालय (MHA) को सतर्क कर दिया है। ये नकली नोट देखने में असली जैसे हैं, जिसके चलते गृह मंत्रालय ने हाई अलर्ट जारी किया है।

500 Rupee Note Update: सावधान! बाजार में आ गया असली जैसा 500 का नकली नोट, गृह मंत्रालय ने जारी किया हाई अलर्ट, जानिए असली-नकली की पहचान
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By Ragib Asim

500 Rupee Note Update: देश के बाजारों में 500 रुपये के नकली नोटों की बाढ़ ने गृह मंत्रालय (MHA) को सतर्क कर दिया है। ये नकली नोट देखने में असली जैसे हैं, जिसके चलते गृह मंत्रालय ने हाई अलर्ट जारी किया है। नकली नोटों की गुणवत्ता और छपाई इतनी बारीक है कि इन्हें पहचानना बेहद मुश्किल हो रहा है। सरकार ने आम लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है और नकली नोटों की पहचान के लिए कुछ खास निशान बताए हैं। आइए, जानते हैं इस अलर्ट के पीछे की पूरी कहानी और नकली नोटों को कैसे पहचानें।

क्या है नकली नोटों का खतरा?

गृह मंत्रालय ने राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI), वित्तीय खुफिया इकाई (FIU), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को इस मामले में तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, इन नकली नोटों में एक छोटी-सी वर्तनी त्रुटि है, जो उनकी पहचान का सबसे बड़ा सुराग है।

‘RESERVE BANK OF INDIA’ वाक्यांश में ‘RESERVE’ शब्द में ‘E’ की जगह ‘A’ छपा हुआ है। यह छोटी-सी गलती नकली नोट को असली से अलग करती है। हालांकि, इस त्रुटि को पकड़ने के लिए बहुत बारीकी से देखना पड़ता है, क्योंकि नकली नोट की छपाई और डिजाइन असली नोट से लगभग मिलती-जुलती है।

नकली नोटों की पहचान कैसे करें?

गृह मंत्रालय ने नकली नोटों को पहचानने के लिए कुछ आसान तरीके सुझाए हैं:

  • Spelling जांचें: नोट पर लिखे ‘RESERVE BANK OF INDIA’ को ध्यान से देखें। अगर ‘RESERVE’ में ‘E’ की जगह ‘A’ है, तो नोट नकली है।
  • सुरक्षा धागा: असली 500 रुपये के नोट में सुरक्षा धागा होता है, जो रोशनी में रंग बदलता है। नकली नोट में यह धागा या तो गायब हो सकता है या रंग नहीं बदलता।
  • वॉटरमार्क: असली नोट में महात्मा गांधी का वॉटरमार्क और ‘RBI’ का निशान साफ दिखता है। नकली नोट में यह धुंधला हो सकता है।
  • माइक्रो-लेटरिंग: नोट पर छोटे-छोटे अक्षरों में ‘RBI’ और ‘500’ लिखा होता है, जिसे मैग्नीफाइंग ग्लास से देखा जा सकता है। नकली नोट में यह साफ नहीं होता।
  • UV लाइट: असली नोट को UV लाइट में देखने पर खास निशान चमकते हैं। नकली नोट में ये निशान कमजोर या गायब हो सकते हैं।

इन निशानों को ध्यान में रखकर आप नकली नोटों से बच सकते हैं। गृह मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें कोई संदिग्ध नोट मिले, तो तुरंत नजदीकी बैंक या पुलिस स्टेशन में इसकी सूचना दें।

कितने नकली नोट हैं प्रचलन में?

टेररिजम फाइनान्सिङ की जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नकली नोटों की सटीक संख्या का पता लगाना लगभग असंभव है। बैंकों में जमा होने वाले नकली नोटों का डेटा तो उपलब्ध है, लेकिन प्रचलन में मौजूद नकली नोटों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।

अधिकारी ने कहा, “इन नकली नोटों की कमी इतनी छोटी है कि इसे पकड़ना बेहद मुश्किल है। ये नोट आतंकी गतिविधियों और काले धन के लिए इस्तेमाल हो सकते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो सकता है।”

सरकार और एजेंसियां क्या कर रही हैं?

गृह मंत्रालय ने सभी जांच एजेंसियों को नकली नोटों के स्रोत का पता लगाने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा है। DRI और FIU नकली नोटों के वितरण नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि CBI और NIA इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इन नोटों का इस्तेमाल आतंकी वित्तपोषण में हो रहा है। SEBI को भी शेयर बाजार और वित्तीय लेनदेन पर नजर रखने के लिए कहा गया है।

बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे नकली नोटों की पहचान के लिए अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें और ग्राहकों को जागरूक करें। इसके अलावा, ATM और कैश काउंटिंग मशीनों को अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरू की गई है ताकि नकली नोटों को जल्दी पकड़ा जा सके।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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