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Electoral Bonds News: चुनावी बॉन्ड की SIT जांच वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया खारिज, बताया क्यों नहीं करा सकते जांच

Electoral Bonds News: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए कॉरपोरेट घरानों और राजनीतिक दलों के बीच हुए लेन-देन की जांच कराने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। कोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) की मांग करने वाली याचिका को खारिज किया है।

Electoral Bonds News: चुनावी बॉन्ड की SIT जांच वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया खारिज, बताया क्यों नहीं करा सकते जांच
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By Ragib Asim

Electoral Bonds News: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए कॉरपोरेट घरानों और राजनीतिक दलों के बीच हुए लेन-देन की जांच कराने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। कोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) की मांग करने वाली याचिका को खारिज किया है। कोर्ट ने कहा कि इस समय कानून में उपलब्ध उपायों के अभाव में कोर्ट के लिए हस्तक्षेप करना समय से पहले और अनुचित होगा। उपायों की विफलता के बाद ही हस्तक्षेप करना ठीक होगा।

4 याचिकाओं पर हो रही थी सुनवाई

लाइव लॉ के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की खंडपीठ 4 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें एक याचिका गैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) ने संयुक्त रूप से और 3 अन्य याचिका डॉ. खेम सिंह भट्टी, सुदीप नारायण तमणकर और जय प्रकाश शर्मा ने दायर की थी। सुनवाई के दौरान राजनीतिक दलों से चंदे की वसूली और उनके आयकर रिकॉर्ड खंगालने से भी मना किया गया।

फरवरी में खत्म किया था चुनावी बॉन्ड

सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चुनावी बॉन्ड पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई थी। कोर्ट ने योजना को सूचना का अधिकार (RTI) और अनुच्छेद 19(1)(A) का उल्लंघन करने वाला बताया। कोर्ट ने कहा था कि नागरिकों को राजनीतिक पार्टियों के चंदे का स्त्रोत जानने का अधिकार है। कंपनियों से मिलने वाले चंदे को कोर्ट ने पूरी तरह व्यावसायिक लेनदेन बताया और कहा कि इसके बदले राजनीतिक पार्टियां कंपनियों को लाभ पहुंचाती हैं।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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