Begin typing your search above and press return to search.

Jharkhand ED Raid : वित्त मंत्री समेत 32 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, ये है वजह

Jharkhand ED Raid : ईडी की अलग-अलग टीमों ने सुबह 7 से 8 बजे के बीच इन ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। बड़े शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के रांची के हरमू स्थित आवास पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों के साथ दबिश दी गई...

Jharkhand ED Raid : वित्त मंत्री समेत 32 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, ये है वजह
X

ed raid in jharkhand 

By Manish Dubey

Jharkhand ED Raid : झारखंड में शराब और जमीन घोटाले में ईडी ने राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के रांची स्थित निजी आवास सहित पांच शहरों में 32 ठिकानों पर बुधवार सुबह से छापामारी शुरू की।

रांची के अलावा धनबाद, दुमका, देवघर, गोड्डा में जिन ठिकानों पर छापेमारी हो रही है, वे झारखंड में शराब कारोबार के संचालक रहे योगेंद्र तिवारी और उनके सहयोगियों के हैं। ईडी को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि राज्य में शराब कारोबार में घोटाले के जरिए करोड़ों की मनी लांड्रिंग हुई है।

बताया जा रहा है कि ईडी की अलग-अलग टीमों ने सुबह 7 से 8 बजे के बीच इन ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। बड़े शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के रांची के हरमू स्थित आवास पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों के साथ दबिश दी गई।

रांची के बरियातू में राज्य के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और उनके पुत्र का आवास है। वहां भी सुबह से सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच तलाशी ली जा रही है। बताया जा रहा है कि शराब कारोबार में मंत्री पुत्र का भी पैसा लगा है।

रांची की एक वाहन एजेंसी के संचालक विनय सिंह, जमीन कारोबारी अभिषेक झा और कांग्रेस नेता मुन्नम संजय के घर पर भी रेड पड़ी है। 100 से ज्यादा अधिकारी छापेमारी में लगे हैं।

शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर मार्च महीने में आयकर का भी छापा पड़ा था। इस दौरान पता चला था कि उन्होंने 15 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति अर्जित की है। आयकर विभाग ने समन जारी कर योगेंद्र तिवारी को 27 मार्च को पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया था। सर्वे के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर शराब कारोबारी की कंपनी के निदेशक संतोष मंडल ने 15 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति अर्जित करने की बात स्वीकार की थी।

माना जा रहा है कि आयकर विभाग ने ये सूचनाएं ईडी के साथ साझा की हैं। इसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है।

झारखंड में शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट की संलिप्तता भी सामने आई है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की ईडी जांच पहले से चल रही है। झारखंड में भी शराब कारोबार में सरकार ने छत्तीसगढ़ की सरकारी कंपनी को कंसल्टेंट बनाया था।

जांच एजेंसी का मानना है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी शराब कारोबार में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इसे लेकर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई झारखंड के दो आईएएस से कुछ महीने पहले पूछताछ कर चुकी है।

एक माह पहले ईडी ने शराब के नकली होलोग्राम की सप्लाई मामले में नोएडा की एक कंपनी के खिलाफ एफआईआर की थी। उस एफआईआर में जिक्र है कि कंपनी ने झारखंड में भी नकली होलोग्राम की सप्लाई की।

ED Raid in chhattisgarh: रायपुर। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ में फिर दबिश दी है। रायपुर और भिलाई में ईडी के छापे की सूची आ रही है। मुख्यमंत्री का आज जन्मदिन है। इस मौके पर कुम्हारी में आज बड़ा आयोजन किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार इस बार ईडी ने सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और स्टाफ को निशाना बनाया है। बताया जा रहा है कि ईडी सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के निवास पर जांच कर रही है। ईडी ने सीएम के ओएसडी मनीष बंछोर, आशीष वर्मा और उनके एक करीबी कारोबारी विजय भाटिया के यहां छापे की कार्यवाही कर रही है।

बता दें कि कथित शराब और कोयल परिवहन घोटाला को लेकर ईडी प्रदेश में लगता छापे की कार्यवाही कर रही है। इन दोनों मामलों में ईडी अब तक दर्जनभर से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें आईएएस समीर विश्नोई, रानू साहू और उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित सीएम के कुछ करीबी नेता भी शामिल हैं।

केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आज चार लोगों के यहां छापा मारा है। चारों मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी लोग हैं। इनमें पहला नाम विनोद वर्मा का है। वर्मा मुख्‍यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार और कांग्रेस के प्रशिक्षण विशेषज्ञ हैं। मनीष बंछोर और आशीष वर्मा मुख्‍यमंत्री के ओएसडी हैं, जबकि चौथे विजय भ‍ाटिया कारोबारी हैं। इनका फर्नीचर का काम है और ये लंबे समय से सीएम भूपेश के साथ जुड़े हुए हैं।

जानिए कौन हैं सीएम के सलाहकार विनोद वर्मा

विनोद वर्मा सीएम भूपेश के राजनीतिक सलाहकार हैं। इनका नाम छत्‍तीसगढ़ से लेकर राष्‍ट्रीय मीडिया के लिए कोई नया नहीं है। वर्मा लंबे समय तक पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। बीबीसी लंदन में पत्रकारिता कर चुके वर्मा एडिटर्स गिल्ड के सदस्य भी रहे हैं।

कौन हैं कारोबारी विजय भाटिया

कारोबारी विजय भाटिया भी मुख्‍यमंत्री भूपेश के साथ लंबे समय से जुड़े हुए हैं। इनका दुर्ग और भिलाई में फर्नीचर का काम है। भाटिया भी अश्‍लील सीडी मामले में आरोपित हैं। 2020 में आयकर विभाग ने भी इनके यहां छापे की कार्यवाही की थी। भाटिया सीडी कांड में अभी जमानत पर हैं।

मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के ओएसडी मनीष बंछोर

मुख्‍यमंत्री भूपेश के ओएसडी मनीष बंछोर मूल रुप से भिलाई स्‍टील प्‍लांट (बीएसपी) के कर्मचारी हैं। अभी वे प्रतिनियुक्ति पर राज्‍य सरकार में सेवा दे रहे हैं। बंछोर का घर मुख्‍यमंत्री के भिलाई-3 निवास के पास भिलाई थाना के पीछे है। बंछोर मुख्‍यमंत्री के भिलाई-3 निवास के साथ ही सीएम के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले कुम्‍हारी की जिम्‍मेदारी संभालते हैं। कोरोनाकाल के दौरान बंछोर ने बहुत से जरुरतमंदों की मदद की थी।

मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के ओएसडी आशीष वर्मा

आशीष वर्मा भी मुख्‍यमंत्री भूपेश के ओएसडी है। वर्मा मूलरुप से पाटन के रहने वाले हैं, उनका घर पदुम नगर में है। वर्मा मुख्‍यमंत्री बघेल को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। बताया जाता है कि वर्मा लंबे समय से बघेल के साथ जुड़े हुए हैं और उन्‍हें अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।

Next Story