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Chaibasa MNREGA Scam : 400 करोड़ से ज्यादा का घोटाला जांचेगा ईडी, रडार पर तीन दर्जन अफसर-इंजीनियर

Chaibasa MNREGA Scam : झारखंड के चाईबासा में मनरेगा में सैकड़ों करोड़ों के घोटाले में सात आईएएस सहित राज्य प्रशासनिक सेवा के तीन दर्जन अफसर और इंजीनियर ईडी जांच के रडार पर हैं...

Chaibasa MNREGA Scam : 400 करोड़ से ज्यादा का घोटाला जांचेगा ईडी, रडार पर तीन दर्जन अफसर-इंजीनियर
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MNREGA scam 

By Manish Dubey

Chaibasa MNREGA Scam : झारखंड के चाईबासा में मनरेगा में सैकड़ों करोड़ों के घोटाले में सात आईएएस सहित राज्य प्रशासनिक सेवा के तीन दर्जन अफसर और इंजीनियर ईडी जांच के रडार पर हैं। हाईकोर्ट ने ईडी को घोटाले की जांच कर 31 अक्टूबर तक प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

बताया जा रहा है कि मनरेगा घोटाले की रकम 400 करोड़ से ज्यादा हो सकती है। योजना के तहत चाईबासा जिले में कराए गए काम में वित्तीय गड़बड़ियां एक दशक पहले से उजागर होती रही हैं। इन्हें लेकर चाईबासा पुलिस में 14 एफआईआर दर्ज है।

एंटी करप्शन ब्यूरो ने भी कई मामलों की जांच की, लेकिन किसी मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस पर मतलूब आलम नामक शख्स ने हाईकोर्ट में वर्ष 2013 में ही जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें वर्ष 2008 से लेकर 2011 तक 28 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया गया था। पूर्व में कोर्ट ने यह याचिका निष्पादित कर दी थी।

2021 में पुनः इस मामले में पीआईएल दायर किया गया, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ईडी को इसकी जांच का निर्देश दिया है।

बताया जाता है कि इस कथित घोटाले में ईडी सात आईएएस सुनील कुमार, ए सिद्दिकी, पीके श्रीनिवासन, बीके मुंडा, आरएस वर्मा, एमपी सिन्हा और एमपी मिश्रा की भूमिका की भी जांच करेगी।

इनके अलावा उप विकास आयुक्त के पदों पर रहे झारखंड प्रशासनिक सेवा के अफसर गोसाईं उरांव, रामबच्चन राम, सुरेश प्रसाद वर्मा, विष्णु कुमार, आभा कुसुम, बालकृष्ण मुंडा और चंद्रशेखर प्रसाद, डायरेक्टर के पदों पर रहे एसके किस्पोट्टा, पी. उरांव, अवधेश उपाध्याय, एनकेपी सिंह, कामेश्वर प्रसाद, दिलीप तिर्की, बीके मुंडा और जरूल होदा भी जांच के रडार पर हैं। एक दर्जन अभियंता और कई सरकारी मुलाजिम भी आरोपों और जांच के दायरे में हैं।

बता दें कि ईडी ने झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को 12 दिसंबर 2022 को पत्र लिखा था और मनरेगा में राज्य के विभिन्न जिलों में घोटालों के संबंध में पूरी जानकारी मांगी थी।

बताया जा रहा है कि मामला चाईबासा के अलावा राज्य के कई जिलों में बड़े पैमाने पर मनरेगा के क्रियान्वयन के लिए साम्रगियों की खरीद से जुड़ा है। मामले में ईडी के संयुक्त निदेशक की सहमति से ग्रामीण विकास विभाग से रिपोर्ट मांगी गयी थी, जिस पर जांच चल रही है।

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