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MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुजुर्ग और दिव्यांग घर बैठे कर सकेंगे मतदान

MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग कई नए प्रयोग करने जा रहा है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया है कि विधानसभा चुनाव में बुजुर्ग और दिव्यांग घर से ही मतदान कर सकेंगे...

MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुजुर्ग और दिव्यांग घर बैठे कर सकेंगे मतदान
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Mp election 2023 

By Manish Dubey

MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग कई नए प्रयोग करने जा रहा है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया है कि विधानसभा चुनाव में बुजुर्ग और दिव्यांग घर से ही मतदान कर सकेंगे। वहीं, आपराधिक छवि के उम्मीदवार को स्वयं और राजनीतिक दल को सूचना जारी करनी होगी।

राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के सिलसिले में भारत निर्वाचन आयोग का दल तीन दिवसीय दौरे पर मध्य प्रदेश आया।

इस प्रवास के दौरान चुनाव आयोग ने जहां राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों से चर्चा की।वहीं, प्रशासनिक अमले से भी चुनावी तैयारी का ब्यौरा हासिल किया। साथ ही मतदान केंद्रों पर सुविधाएं मुहैया करने की विस्तार से जानकारी ली।

राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजीव कुमार ने चुनाव में बुजुर्गों, युवाओं और महिलाओं पर खास जोर दिए जाने का जिक्र करते हुए बताया कि इस चुनाव में बुजुर्ग और दिव्यांगों को घर से ही मतदान करने की सुविधा दी जा रही है। इसके लिए 12-डी फॉर्म भरना होगा।

नामांकन के पांच दिन के भीतर अगर यह फॉर्म भरा जाएगा तो आयोग की टीम उनके पास घर जाकर मतदान कराएगी और वह मतदान निष्पक्ष रहे वोट की गोपनीय बनी रहे, इसके लिए उसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। उसकी सूचना सभी राजनीतिक दलों को दी जाएगी।

चुनाव में राजनीतिक दल आपराधिक छवि के लोगों को भी मैदान में उतार देते हैं, ऐसे उम्मीदवारों के बारे में जानने का हक मतदाताओं का है इसीलिए चुनाव आयोग एक नई व्यवस्था कर रहा है, जिसके तहत अगर उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे अपने क्षेत्र में तीन बार प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करना होगा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी प्रसारित करना होगा, जिसमें उसे यह बताना होगा कि उस पर इस तरह के प्रकरण दर्ज हैं।

इसी तरह राजनीतिक दल को भी यह प्रकाशित करना पड़ेगा और बताना होगा कि उनको आपराधिक पृष्ठभूमि का उम्मीदवार ही क्यों चुनना पड़ा, उन्हें बताना पड़ेगा क्या उसे क्षेत्र में कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला है और उसने आपराधिक छवि के व्यक्ति को उम्मीदवार क्यों बनाया।

राजीव कुमार ने बताया कि मतदान का प्रतिशत बढ़ाने और मतदान केंद्रों पर बेहतर सुविधाएं मुहैया करने के लिए राज्य के अधिकारियों से चर्चा की गई है।

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