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Delhi Ordinance: दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में हुआ पास, समर्थन में 131 और विरोध में पड़े इतने वोट

Delhi Ordinance: राज्यसभा (Rajya Sabha) में मोदी सरकार (Modi government) की बड़ी जीत हुई है. सरकार दिल्ली सर्विस बिल (delhi service bill) पास कराने में सफल हुई है.

Delhi Ordinance: दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में हुआ पास, समर्थन में 131 और विरोध में पड़े इतने वोट
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By S Mahmood

Delhi Ordinance: राज्यसभा (Rajya Sabha) में मोदी सरकार (Modi government) की बड़ी जीत हुई है. सरकार दिल्ली सर्विस बिल (delhi service bill) पास कराने में सफल हुई है. बिल के पक्ष में 131 और विरोध में 102 वोट पड़े. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2023, लोकसभा से पहले ही पारित हो चुका था. राष्ट्रपति की मंजूरी (presidential assent) के बाद अब ये कानून का रूप लेगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में विधेयक को पेश किया.

दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पदस्थापना के संबंध में अध्यादेश के स्थान पर इस बिल को विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच गुरुवार को लोकसभा द्वारा पारित कर दिया गया था. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के दल बिल को पारित करने के सरकार के कदम को विफल करने के लिए हरसंभव प्रयास किया. संख्या बल NDA के पक्ष में रहा.

राज्यसभा में वोट रिकार्डिंग मशीन में तकनीकी खराबी के कारण वोटों का बंटवारा कागजी पर्चियों के जरिए हुआ. इस दौरान 5 सांसदों के नाम को सेलेक्ट कमिटी में भेजने के प्रस्ताव पर गलत ढंग से लिखा गया. ये मसला गृहमंत्री अमित शाह ने उठाया. उन्होंने मांग की कि इसपर तुरंत जांच कर दोषी के खिलाफ प्रिविलेज का मुद्दा चलाया जाए.

ये मोशन आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने मूव किया था. 5 में से 4 सांसदों ने तुरंत सदन में विरोध किया. इनमें एआईएडीएमके से थम्बी दुरई , नागालैंड से एस फांगोंग कोनयक, बीजेडी से ससमित पात्रा और बीजेपी सुधांशु त्रिवेदी हैं. राज्यसभा उपसभापति ने आश्वासन दिया कि इसकी तुरंत जांच होगी. राज्यसभा में बिल का पास होना अविश्वास प्रस्ताव से पहले मोदी सरकार के लिए बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. बता दें कि विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है, जिसकी चर्चा मंगलवार से लोकसभा में होगी.

राज्यसभा से बिल के पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि आज देश के इतिहास में काला दिन है. सरकार को काम करने की कोई भी शक्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि साफ जाहिर है कि पीएम कह रहे हैं मैं सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानता हूं. दिल्ली सरकार के कर्मचारी की सारी पॉलिसी केंद्र सरकार बनाएगी.

केजरीवाल ने कहा कि पीएम बैठकर देखेंगे दिल्ली सरकार का कौन चपरासी क्या करेगा. इनको इसलिए पीएम बनाया गया था. आप केंद्र चलाइए, दिल्ली में क्यों दखलंदाजी कर रहे हैं. अमित शाह जी आपको पावर इस लिए नहीं दिया गया कि आप दिल्ली वालों का हक मारें. केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार के चपरासियों की ट्रांसफर पोस्टिंग भी पीएम मोदी करेंगे. ये लोग काम में मेरे साथ कंपीटिशन नहीं कर सकते.

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