Cyclone Asna: अरब सागर के ऊपर बनने वाला है चक्रवात, गुजरात पर मंडरा रहा 'असना' का खतरा, आएगी भरी तबाही
Cyclone Asna: एक तरफ गुजरात में भारी बारिश के चलते तबाही मची हुई है। वहीं अब गुजरात पर चक्रवात का भी खतरा मंडराने लगा है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र से लगे अरब सागर में शुक्रवार को चक्रवात आसना के बनने के साथ इसके ओमान तट की ओर बढ़ने की आशंका है।
Cyclone Asna: एक तरफ गुजरात में भारी बारिश के चलते तबाही मची हुई है। वहीं अब गुजरात पर चक्रवात का भी खतरा मंडराने लगा है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र से लगे अरब सागर में शुक्रवार को चक्रवात आसना के बनने के साथ इसके ओमान तट की ओर बढ़ने की आशंका है। जिसके असर से कच्छ और सौराष्ट्र में एक बार फिर से भारी बारिश होने का अनुमान है। जिसे देखते हुए मौसम विभाग ने इन इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
इसके साथ ही आईएमडी ने अगले कुछ दिनों तक मछुआरों को को इस इलाके में समुद्र में न जाने की सलाह दी है। मौसम विभाग की मानें तो गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों के साथ-साथ देश के अलग-अलग समुद्री क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक 60 से 65 किमी प्रति घंटे की तेज हवाएं चलने का अनुमान है।
मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की मानें तो सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर एक गहरे दबाव क्षेत्र बना हुआ है जिसके पश्चिम-दक्षिणपश्चिम की ओर बढ़ने तथा कच्छ और उससे सटे पाकिस्तान के तटों के पास उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर उभरने का अनुमान है। जिसके आज यानी शुक्रवार को चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है. जैसे ही ये चक्रवाती तूफान में बदलेगा इसको असना नाम से पुकारा जाएगा।
इस चक्रवात को ये नाम पाकिस्तान ने दिया है. बता दें कि साल 1891 से 2023 तक अरब सागर में अगस्त के महीने में सिर्फ तीन चक्रवाती तूफान विकसित हुए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, साल 1976 में अगस्त महीने के बाद अरब सागर के ऊपर बनने वाला ये पहला चक्रवाती तूफान होगा। तब ओडिशा में ऐसा ही चक्रवात बना था।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अरब सागर में अगस्त के महीने में चक्रवाती तूफान आना दुर्लभ माना जाता है। साल 1944 में भी अरब सागर में एक चक्रवात आया था, हालांकि बाद में ये समुद्र के बीच पहुंचकर कमजोर हो गया था। उसके बाद साल 1964 में दक्षिण गुजरात तट के पास एक और चक्रवात विकसित हुआ, ये चक्रवात भी तट के पास पहुंचकर कमजोर हो गया।
जबकि 132 साल पहले बंगाल की खाड़ी में अगस्त में कुल 28 ऐसे तूफान बने थे। अभी आए तूफान के बारे में असामान्य बात ये है कि पिछले कुछ दिनों से इसकी तीव्रता एक समान बनी हुई है। यह उष्णकटिबंधीय तूफान दो प्रतिचक्रवाती तूफानों के बीच फंसा हुआ है, जिसमें एक तिब्बती पठार पर है तो दूसरा अरब प्रायद्वीप पर बना हुआ है।