Cryptocurrency Bitcoin: जाने क्या है बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी जो है काफी चर्चाओं में
Cryptocurrency Bitcoin: क्रिप्टोकरंसी एक आभासी डिजिटल मुद्रा है। इसमें कोई भौतिक रकम नहीं होती। आभासी रूप से खरीददारों और विक्रेताओं को ब्लॉकचेन के माध्यम से जोड़कर खरीदी की जा सकती है। इस वक्त दुनिया भर में 4 हजार से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी ( आभासी मुद्रा) है। पर सर्वाधिक प्रचलित क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन है।
Cryptocurrency Bitcoin। बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वर्तमान में हर कोई इच्छुक है। बिटकॉइन का क्रिप्टोकरंसी क्या है इसे कैसे खरीदा जाता है और इसका उपभोग कैसे किया जाता है इसे जानने लोग उत्सुक है। क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल और आभासी मुद्रा है। जिसे क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित किया जाता है। क्रिप्टोकरंसी की पहली आभासीय मुद्रा बिटकॉइन है। अर्थात या माना जा सकता है कि बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरंसी है। दुनिया में चलन में मौजूद टॉप क्रिप्टोकरंसी में बिटकॉइन के अलावा रिप्पल, ईथेरियम, बीट कॉइन कैश ,टीथर, ईओएस, लाइट क्वालिटी, तेजोस शामिल है। ख़बरों के मुताबिक बिटकॉइन की मौजूदा कीमत ₹7,651,660.47 प्रति BTC है। 19,784,750 BTC की परिसंचारी आपूर्ति के साथ, इसका मतलब है कि बिटकॉइन का कुल बाजार पूंजीकरण ₹153,529,144,023,953.90 है। वहीँ, 1 बिटकॉइन की कीमत लगभग ₹7,812,904 होती है।
बिटकॉइन एक डिजिटल मुद्रा है। जो किसी भी केंद्रीय नियंत्रण या बैंकों या सरकारों की निगरानी से मुक्त है। इसके बजाय यह पीयर टू पीयर सॉफ्टवेयर और क्रिप्टोग्राफी पर निर्भर करता है। एक सार्वजनिक हिसाब जिसे खाता – बही कह सकते है में सभी क्रिप्टोकरेंसी ( अधिकतर बिटकॉइन) लेनदेन रिकॉर्ड किए जाते है। पूरे रिकॉर्ड की प्रतियां दुनिया भर के सर्वर में रखी जाती है। हर लेन देन को सार्वजनिक रूप से नेटवर्क पर प्रसारित किया जाता है।
जिस प्रकार लोग पारंपरिक सिक्कों और नोटों को भौतिक वॉलेट में रखते है ठीक उसी प्रकार आभासी मुद्राएं डिजिटल वालेट में रखी जाती है। मतलब बिटकॉइन या वॉलेट जैसी कोई फिजिकल चीज नहीं होती ,यह सिर्फ नेटवर्क के बीच सिक्के अर्थात बिटकॉइन को लेकर स्वामित्व की सहमति होती है। बिटकॉइन के माध्यम से लेनदेन करते समय बिटकॉइन धारी को एक निजी कुंजी दिया जाता है। बिटकॉइन नेटवर्क को इस कुंजी के इस्तेमाल के बाद लेनदेन के लिए उपयोग किया जा सकता है। सभी क्रिप्टोकरंसी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि उसे हैक ना किया जा सके। जानिए क्या है
क्रिप्टोकरंसी का क्या है उद्देश्य
बिटकॉइन से लेकर जितने भी क्रिप्टोकरंसी है उसे लोगों को इंटरनेट पर पैसे भेजने की सुविधा के रूप में विकसित किया गया है। यह एक डिजिटल मुद्रा है जिसका उद्देश्य एक वैकल्पिक भुगतान प्रणाली प्रदान करना है जो केंद्रीय नियंत्रण से मुक्त हो लेकिन पारंपरिक अन्य मुद्राओं की तरह इसका उपयोग किया जा सके। हालांकि जिस तरह भारत की मुद्रा को रिजर्व बैंक नियंत्रित करता है उसे तरह क्रिप्टोकरंसी नमक आभासी मुद्रा को किसी एक व्यक्ति समूह या संस्था के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता। इसे समूह या संस्था के नियंत्रण से बाहर पैसे और भुगतान के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है। बिटकॉइन मालिकों को कोई खाता संख्या या नाम नहीं दिया जाता। इसमें खरीददार बेचने वाले सभी गुमनाम है।
एक तरह से देखा जाए तो बिटकॉइन खरीददार और विक्रेताओं को जोड़ने के लिए ब्लॉक चैन तकनीक का उपयोग करता है। वर्चुअल मनी अर्थात क्रिप्टो करेंसी सबसे पहले अमेरिकी नागरिक ने 1983 में बनाई थी। वही बिटकॉइन नामक आभासी मुद्रा का आविष्कार 2009 में हुआ। यह सर्वाधिक प्रचलित आभासी मुद्रा है। बिटकॉइन के आने के बाद ही क्रिप्टोकरंसी कोलोकप्रियता मिली। वर्तमान में भारत देश में लगभग 80 लाख लोग बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं।
पर कोई नियंत्रण और बिटकॉइन को नियंत्रित करने के लिए कोई सरकारी या वित्तीय हस्तक्षेप नहीं होने के चलते इसके उपयोग में काफी खतरा भी है। इसमें अस्थिरता, धोखाधड़ी के लगातार मामले सामने आते जा रहे हैं।