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Constitution Amendment Bill: अब प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को उनके पद से हटाया जा सकेगा, जेपीसी को भेजा गया संविधान का नया संशोधन विधेयक, पढ़िए इस विधेयक की खास बातें

Constitution Amendment Bill: लोकसभा के संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी अगर 130 वें संविधान संशोधन को अपनी मंजूरी दे देती है तब ऐसी स्थिति में भारतीय लोकतंत्र की एक चमकदार तस्वीर सामने आएगी। संशोधन विधेयक में प्रावधान किया गया है कि गंभीर अपराध में 30 दिन की हिरासत के बाद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को हटाने का प्रस्ताव है।

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By Radhakishan Sharma

दिल्ली। 130 वें संशोधन विधेयक को लोकसभा ने संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी को भेज दिया है। इस विधेयक में प्रावधान है कि किसी केंद्रीय या राज्य मंत्री, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पांच साल या इससे अधिक कारावास की सजा वाले अपराध में गिरफ्तार किया जाता है और 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है,तब ऐसी स्थिति में पद से हटाने का प्रस्ताव है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को केंद्र शासित प्रदेशों के कानूनों में संशोधन के लिए दो अन्य विधेयकों, केंद्र शासित प्रदेश शासन अधिनियम, 1963 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के साथ पेश किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा विधेयकों को पेश करने के प्रस्ताव का असदुद्दीन ओवैसी AIMIM, मनीष तिवारी कांग्रेस, एनके प्रेमचंद्रन RSP, केसी वेणुगोपाल कांग्रेस और धर्मेंद्र यादव समाजवादी पार्टी सहित कई राजनीतिक नेताओं ने भारी विरोध किया। मतदान प्रक्रिया के बाद विधेयक को पेश करने की अनुमति दे दी गई। तीनों विधेयक राष्ट्रपति,राज्यपाल व उप राज्यपाल को किसी केंद्रीय, राज्य व केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को पद से हटाने का अधिकार देने का प्रस्ताव करते हैं। यदि उन्हें किसी गंभीर अपराध में संलिप्तता के आरोप में 30 दिनों की जेल हुई हो। प्रस्ताव को एक संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया, जिसमें 21 लोकसभा सदस्य और 10 राज्यसभा सदस्य शामिल हैं।

प्रस्तावित कानून को केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किए जाने की मांग की जा रही है। 130 वें संविधान (संशोधन) विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण में कहा गया कि पद पर आसीन मंत्री "किसी भी संदेह" से परे होने चाहिए और केवल जन कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए।

गंभीर आपराधिक आरोपों में हिरासत में लिए गए मंत्री संवैधानिक नैतिकता और सुशासन के सिद्धांतों को विफल या बाधित कर सकते हैं। यह विधेयक मुख्यमंत्रियों सहित कुछ मंत्रियों को गंभीर अपराधों के लिए गिरफ्तार और हिरासत में लिए जाने की घटनाओं की पृष्ठभूमि में लाया गया।

इनको जेल जाना पड़ा था-

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति घोटाला, तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी तमिलनाडु में कैश-फॉर-जॉब्स घोटाला, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भूमि घोटाला व पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल भर्ती घोटाला के मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार आदि के आरोपों में जेल जाना पड़ा था। हालांकि अधिकांश मंत्रियों को कोर्ट से जमानत मिल गई है। इनके मामले अब भी लंबित हैं।


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