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Cold Waves Affect On Lungs: एम्स में हुई 9 किलो के ट्यूमर की सफल सर्जरी, जानें क्या है ट्यूमर और इसके कारण

Cold Waves Affect On Lungs: ट्यूमर शरीर में असामान्य और अनियंत्रित तरीके से बनने वाली गांठ होती है, जो सेल्स की अत्यधिक वृद्धि के कारण उत्पन्न होती है। यह शरीर के अंगों, ऊतकों, ग्रंथियों, हड्डियों और स्किन को प्रभावित कर सकता है।

Cold Waves Affect On Lungs: एम्स में हुई 9 किलो के ट्यूमर की सफल सर्जरी, जानें क्या है ट्यूमर और इसके कारण
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By Ragib Asim

Cold Waves Affect On Lungs: ट्यूमर शरीर में असामान्य और अनियंत्रित तरीके से बनने वाली गांठ होती है, जो सेल्स की अत्यधिक वृद्धि के कारण उत्पन्न होती है। यह शरीर के अंगों, ऊतकों, ग्रंथियों, हड्डियों और स्किन को प्रभावित कर सकता है। हाल ही में, दिल्ली स्थित एम्स में एक 49 वर्षीय महिला की सर्जरी की गई, जिसमें डॉक्टरों ने उसके ओवरी से 9 किलो का ट्यूमर निकाला। इस सर्जरी में डॉक्टरों को 10 घंटे से ज्यादा समय लगा। आइए जानते हैं इस मामले के बारे में और ट्यूमर के कारणों के बारे में।

क्या हुआ था महिला को?

एम्स की रिपोर्ट के अनुसार, महिला को ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर (GCT) था, जो कि एक एडवांस स्टेज का ट्यूमर है। यदि समय रहते ऑपरेशन नहीं किया जाता, तो यह ट्यूमर महिला के अन्य अंगों तक फैल सकता था और जान का खतरा हो सकता था।

ट्यूमर क्या है?

ट्यूमर या नियोप्लाज्म असामान्य कोशिकाओं का एक समूह है जो शरीर में बनता है। यह गांठें असामान्य तरीके से बढ़ती हैं और कभी-कभी ये कैंसर का रूप भी ले सकती हैं। इनमें पुराने सेल्स की मरने के बाद तुरंत नए सेल्स का बनना शुरू हो जाता है, जिससे डैमेज हुआ DNA भी प्रभावित हो जाता है।

ट्यूमर बनने के कारण

DNA म्यूटेशन - सेल्स में उत्पन्न जीन परिवर्तन के कारण ट्यूमर बन सकता है।

पर्यावरणीय कारण - प्रदूषण, केमिकल गैस, तंबाकू और शराब का सेवन ट्यूमर के जोखिम को बढ़ा सकता है।

जेनेटिक प्रॉब्लम - अगर आपके परिवार में कैंसर या ट्यूमर के मामले रहे हैं, तो यह आपके लिए भी खतरा बन सकता है।

हॉर्मोनल डिसबैलेंस - कुछ हॉर्मोनल असंतुलन भी ट्यूमर के कारण हो सकते हैं।

अन्य कारण - कुछ वायरस, बैक्टीरिया और उम्र का बढ़ना भी ट्यूमर के विकास में योगदान कर सकते हैं।

ट्यूमर के संकेत

शरीर के किसी हिस्से में गांठ या सूजन महसूस होना।

अचानक वजन कम होना।

थकान या कमजोरी महसूस होना।

नसों, हड्डियों या अंगों में दर्द महसूस होना।

सांस लेने में कठिनाई होना।

मल या पेशाब में खून आना।

कब्ज, दस्त या पेट में दर्द।

ट्यूमर से बचाव के उपाय

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।

संतुलित आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों।

तला-भुना और हाई कैलोरी वाला खाना खाने से बचें।

नियमित व्यायाम करें।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।

मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग और गहरी सांस लें।

यह घटना यह साबित करती है कि समय पर निदान और उपचार से गंभीर ट्यूमर को भी सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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