Cloud Burst in Uttarakhand : उत्तराखंड में फिर से हाहाकार... कई जगहों में फिर फटा बादल, जीवन सिमटा ही था की फिर से सब कुछ हुआ तबाह
Cloud burst in Uttarakhand : एक बार फिर रुद्रप्रयाग और चमोली में बादल फटने की जानकारी मिली है.लगातार बादल फटने और लैंड स्लाइड से वहां के लोगों की जिंदगी तबाह हो गई है.

Cloud Burst in Uttarakhand : देवभूमि उत्तराखंड से प्रकृति जैसे नाराज सी हो गई है. उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुछ दिनों पहले हुई आपदा से लोग उबर भी नहीं पाए थे की धीरे धीरे जिंदगी सिमट ही रही थी की फिर से सब कुछ बिखर गया. एक बार फिर रुद्रप्रयाग और चमोली में बादल फटने की जानकारी मिली है.लगातार बादल फटने और लैंड स्लाइड से वहां के लोगों की जिंदगी तबाह हो गई है. हर दिन कुछ न कुछ आसमानी आफत से कइयों की जिंदगी और सपने एक पल में बह जा रहे हैं.
रुद्रप्रयाग जिले के टेंडवाल गांव में मलबे में दबने से एक महिला की मौत हो गई। जबकि 18 से 20 लोग यहां लापता बताए जा रहे हैं। वहीं चमोली जिले के देवाल ब्लॉक में भी बादल फटा है। जिसमें पति-पत्नी लापता हैं और दो लोग घायल हो गए, साथ ही 20 मवेशी मलबे में दबे हैं। टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव पर भी बादल फटा है। गनीमत यह रही कि यहां किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग में भी बादल फटा है। यहां जखोली ब्लॉक के छेनागाड़, बांगर सहित कई जगहों पर अतिवृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है।
देर रात को तहसील देवाल के मोपाटा में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कुछ घरों के मलबे में दबे होने की सूचना है। जिलाधिकारी के अनुसार मोपाटा में रहने वाले तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता बताए जा रहे हैं। जबकि विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हुए हैं। इनके आवास और गोशाला के मलबे में दबने की सूचना है। इसमें 15 से 20 जानवर भी मलबे में दबने की सूचना है।
कर्णप्रयाग में मूसलाधार बारिश के चलते कालेश्वर में ऊपर पहाड़ से मलबा आया है जो लोगों के घरों में घुस गया। जेसीबी मशीन के द्वारा मलवा हटाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। अलकनंदा और पिंडर नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। कर्णप्रयाग के सुभाषनगर में पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने से सड़क बंद हो गई है।
भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव के ऊपर बीती रात को बादल फटने की घटना हुई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि बादल फटने से कोई जनहानि नहीं हुई है। कृषि भूमि, पेयजल लाइन, विद्युत लाइनों को नुकसान पहुंचा है। राजस्व विभाग की टीम गेंवाली गांव रवाना हो गई है। अलग-अलग स्थान पर पैदल पुलिया और रास्ते टूट गए हैं।
उत्तरकाशी में पापड़ गाड में बादल फटने के बाद आए मलबे ने भागीरथी नदी का रास्ता रोक दिया. इस कारण भटवाड़ी के पास भागीरथी नदी के 200 मीटर हिस्से में झील बन गयी है. हालांकि किनारे से नदी का पानी निकलना शुरू हो गया है, लेकिन झील टूटने से बड़ा नुकसान का खतरा आगे के क्षेत्र के लिए बन गया है. उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश के बाद हल्द्वानी–भीमताल मार्ग बंद हो गया. ऊपर पहाड़ियों से लगातार मालवा गिर रहा था जिसकी वजह से आवागमन को रोका गया है.
उत्तरकाशी में सुबह से लगातार बारिश जारी है. तेज बारिश के चलते भागीरथी गंगा उफान में बह रही है. घाट पूरी तरह से जलमग्न है. नदी के रौद्र रूप से नदी किनारे रहने वाले लोग दहशत में दिखाई दे रहे है. लगातार गंगोत्री यमुनोत्री हाइवे कई जगह से बंद हैं. वहीं 25 ग्रामीण लिंक मार्ग भी भूस्खलन से बंद चल रहे हैं.
चमोली के स्कूलों में आज अवकाश घोषित
भारी बारिश को देखते हुए चमोली जनपद के सभी विकास खंडों में शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है। भारी बारिश के चलते देवाल में रास्ते जगह-जगह टूट गए हैं। थराली में भी रात से हो रही बारिश से लोग सहमे हैं। आदिबदरी, कर्णप्रयाग में भी तेज बारिश हो रही है।
सीएम धामी ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर लिखा, जनपद रुद्रप्रयाग के बसुकेदार क्षेत्र के बड़ेथ डुंगर तोक और चमोली जिले के देवाल क्षेत्र में बादल फटने से मलबा आया है. इसकी वजह से कुछ परिवार फंस गए हैं. स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य तेजी से कर रहा है. मैं लगातार अधिकारियों से संपर्क में हूं और आपदा सचिव व जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बचाव कार्य सही तरीके से और तेजी से किए जाएं.”
रेस्क्यू और राहत कार्य शुरू
आपदा की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंच गई. मलबे के हटाने और लापता लोगों को खोजने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. स्थानीय निवासियों और अधिकारियों की जानकारी के अनुसार, इस आपदा में आसपास के आवास और गोशाला भी दब गए. इस हादसे में लगभग 15 से 20 जानवर मलबे में दबे हुए हैं. पशुपालकों में गहरा शोक और चिंता का माहौल है, क्योंकि उनका आजीविका का बड़ा हिस्सा इन जानवरों पर निर्भर है.
