CBSE ने लॉन्च किए 14 नए प्रोग्राम: अब देशभर के शिक्षकों को दी जायेगी स्पेशल ट्रेनिंग; बच्चों को पढ़ाना होगा और भी मजेदार
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपनी शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।

CBSE Teacher Training Program
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपनी शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब CBSE देशभर के शिक्षकों को खास ट्रेनिंग देगा, ताकि बच्चों की पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित न रहे, और इसे मजेदार बनाया जा सके। यह सब नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत किया जा रहा है।
इसके तहत CBSE ने हाल ही में 14 नए ट्रेनिंग प्रोग्राम (CBPs) शुरू किए हैं। ये प्रोग्राम्स हाल ही में पटना में हुई नेशनल टीचर्स कॉन्फ्रेंस-2025 में लॉन्च किए गए थे। इन ट्रेनिंग सेशंस की शुरुआत अक्टूबर 2025 से होगी।
इस ट्रेनिंग का मकसद क्या है?
CBSE का यह टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम शिक्षकों को पढ़ाने के नए तरीकों से अपडेट करेगा। इसका मकसद बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान के आलावा खेल और अन्य एक्टिविटीज, नए-नए टूल्स का इस्तेमाल करके पढाई को और भी मजेदार तरीके से बच्चों के सामने लाना है। इस ट्रेनिंग में शिक्षकों को सिखाया जाएगा कि, कैसे वे अपने विषय को और बेहतर ढंग से समझा सकते हैं, क्लासरूम में पढ़ाने के आसान तरीके अपना सकते हैं और बच्चों को सीखने में मदद कर सकते हैं।
CBSE ने कई विषयों और खास स्किल्स पर आधारित ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए हैं, जिनमें कक्षा दसवीं को हिंदी पढ़ाने वाले शिक्षकों को नई और प्रभावी रणनीतियाँ सिखाई जाएंगी, ताकि बच्चे भाषा को और आसान तरीके से सीख सकें। इस प्रोग्राम का फोकस छात्रों को सुनने, बोलने, पढ़ने और लिखने की स्किल्स सिखाने पर होगा। इसमें रचनात्मक पेंटिंग, लोक कला, ओरिगामी, प्रिंटमेकिंग और कैलिग्राफी जैसी तकनीकों पर खास जोर दिया जाएगा।
योग्यता-आधारित मूल्यांकन
इसके आलावा इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में सोशल साइंस, साइंस और मैथ्स के लिए खास तौर पर केस-स्टडी पर आधारित मूल्यांकन के तरीके बताए जाएंगे, ताकि बच्चों में सोचने और समस्याओं को सुलझाने की क्षमता बढ़े। इस मॉड्यूल में नेशनल इनकम जैसे टॉपिक्स को पढ़ाने और मूल्यांकन करने के नए तरीके सिखाए जाएँगे।
सभी क्लासेस के लिए एक खास प्रोग्राम होगा, जिसमें खेलों के माध्यम से टीमवर्क, आत्मविश्वास और एकजुटता जैसे गुण बच्चों में विकसित किए जाएँगे। साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) को व्यावहारिक तरीके से सिखाने पर जोर रहेगा, ताकि बच्चे खुद से करके सीखें और उनकी रचनात्मकता बढ़े।
छात्रों को क्या होगा फायदा?
CBSE का मानना है कि, इन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स से सबसे ज्यादा फायदा बच्चों को होगा। वे नए और मजेदार तरीकों से पढ़ पाएँगे। इससे न सिर्फ पढ़ाई आसान होगी, बल्कि उनमें क्रिटिकल थिंकिंग, व्यावहारिक ज्ञान और टीमवर्क जैसी अहम खूबियाँ भी विकसित होंगी, जो आज के समय में बहुत जरूरी हैं।
