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Operation Sindoor: क्‍या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो चुका है? जानिए कौन और कैसे करेगा इसकी घोषणा?

Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। बुधवार रात पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया।

Operation Sindoor: क्‍या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो चुका है? जानिए कौन और कैसे करेगा इसकी घोषणा?
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By Ragib Asim

Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। बुधवार रात पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। गुरुवार रात को जब पाकिस्तान ने फिर से ड्रोन भेजे, तो भारत ने जवाबी कार्रवाई में लाहौर, सियालकोट और इस्लामाबाद जैसे शहरों पर निशाना साधा। अब सवाल उठता है — क्या भारत-पाकिस्तान में युद्ध शुरू हो चुका है? अगर हां, तो इसकी घोषणा कौन करेगा और कैसे?

सीमाओं पर तनाव

पाकिस्तान के ड्रोन हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में ब्लैकआउट कर दिया गया है। लोगों से घरों में रहने को कहा गया है। इसी बीच पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर पुंछ, उरी और नौशेरा जैसे इलाकों में सीज़फायर तोड़ दिया। रिहायशी इलाकों को निशाना बनाए जाने से पुंछ में एक महिला की मौत हो गई और कई घर व वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।

क्या भारत में युद्ध की औपचारिक घोषणा होती है?

भारत के संविधान में युद्ध की घोषणा को लेकर कोई सीधी धारा नहीं है। अनुच्छेद 352 में आपातकाल लागू करने की प्रक्रिया दी गई है, जो युद्ध या बाहरी हमले की स्थिति में काम आती है। युद्ध की घोषणा करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है, लेकिन वे प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल की सलाह पर ही निर्णय ले सकते हैं। संविधान का अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को यह सलाह मानने के लिए बाध्य करता है।

फैसला कैसे होता है? मंत्रिमंडल किनसे सलाह लेता है?

युद्ध पर अंतिम फैसला देने से पहले मंत्रिमंडल रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से विचार-विमर्श करता है। इसके अलावा सेना प्रमुखों, खुफिया एजेंसियों और राजनयिक चैनलों से भी जानकारी ली जाती है। 44वां संविधान संशोधन (1978) यह स्पष्ट करता है कि राष्ट्रीय आपातकाल (जो युद्ध के समय लागू होता है) की घोषणा मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश के बिना नहीं हो सकती।

क्या संसद की भी भूमिका होती है?

हालांकि युद्ध की घोषणा पर संसद की सीधी मंजूरी जरूरी नहीं होती, लेकिन संसद का काम निगरानी, बहस और वित्तीय स्वीकृति देना होता है। सरकार को अपनी रणनीति और फैसलों की जानकारी संसद को देनी होती है, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया बनी रहे।

पहले युद्धों में क्या हुआ था?

  1. 1947-48: पहला भारत-पाक युद्ध बिना औपचारिक घोषणा के शुरू हुआ।
  2. 1962: भारत-चीन युद्ध में भी कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ।
  3. 1965: भारत-पाक युद्ध बिना औपचारिक घोषणा के लड़ा गया और ताशकंद समझौते से खत्म हुआ।
  4. 1971: पाकिस्तान के हमले के जवाब में भारत ने युद्ध में प्रवेश किया, बिना घोषणा के।
  5. 1999 करगिल युद्ध: पाकिस्तानी घुसपैठ के बाद भारत ने 'ऑपरेशन विजय' शुरू किया, लेकिन कोई औपचारिक युद्ध घोषणा नहीं हुई।

क्या युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं दोनों देश?

हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। सीमाओं पर झड़पें, जवाबी हमले और रणनीतिक कार्रवाई सब कुछ युद्ध जैसे ही हैं। हालांकि, भारत ने अब तक कोई औपचारिक युद्ध घोषणा नहीं की है, और ऐसा करने के लिए उसे मंत्रिमंडल की सिफारिश और राष्ट्रपति की स्वीकृति की जरूरत होगी। अब नजरें टिकी हैं दिल्ली और इस्लामाबाद के अगले कदमों पर — क्या बात बनेगी या जंग छिड़ेगी?

Ragib Asim

Ragib Asim is a journalist currently employed as News Editor in NPG News (Digital). Born and brought up in Bettiah, Ragib journey began with print media and soon transitioned towards digital. He carries more than 10 years of experience in the field with focus on New media. He has previously worked with Hindustan Samachar, News Track, Janjwar, Special Coverage News Hindi. His interests include Science, Geopolitics, Economics and Current affairs.

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