Bharat PAK Casefire: भारत-पाक में हुआ सीजफायर, तीनों मोर्चों पर बंद होगी गोलीबारी, DGMO स्तर पर बनी बड़ी सहमति!
Bharat-PAK Casefire: भारत और पाकिस्तान ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपनी सीमाओं पर सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए सीजफायर पर सहमति जताई है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार को इसकी पुष्टि करते हुए इसे दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में बड़ा कदम बताया।

Bharat-PAK Casefire: भारत और पाकिस्तान ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपनी सीमाओं पर सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए सीजफायर पर सहमति जताई है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार को इसकी पुष्टि करते हुए इसे दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
मिस्री ने बताया कि आज दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय DGMO से फोन पर बात की। इस बातचीत में दोनों पक्षों ने भारतीय मानक समयानुसार (IST) शाम 5:00 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में गोलीबारी और सैन्य गतिविधियों को पूरी तरह बंद करने का फैसला किया। "दोनों देशों ने अपने-अपने सैन्य बलों को इस समझौते को तुरंत लागू करने के निर्देश दे दिए हैं," मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा।
#WATCH | दिल्ली: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने आज दोपहर 15:35 बजे भारतीय DGMO को फोन किया। उनके बीच सहमति बनी कि दोनों पक्ष भारतीय मानक समयानुसार 17:00 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर… pic.twitter.com/l0UUTEWMsZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 10, 2025
यह सीजफायर नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाल के महीनों में हुई गोलीबारी और सैन्य झड़पों के बाद आया है, जिसमें दोनों तरफ नागरिकों और सैनिकों की जान गई। यह समझौता दोनों परमाणु-संपन्न पड़ोसियों के बीच सहयोग का एक दुर्लभ क्षण है, जिनके रिश्ते ऐतिहासिक तनावों से प्रभावित रहे हैं।
दोनों देशों के DGMO 12 मई को दोपहर 12:00 बजे फिर से बात करेंगे ताकि सीजफायर के कार्यान्वयन की समीक्षा की जा सके और विश्वास-निर्माण के लिए अगले कदमों पर चर्चा हो सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता कश्मीर, व्यापार और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर उच्च-स्तरीय वार्ता का रास्ता खोल सकता है।
हालांकि, इस घोषणा को लेकर उत्साह के साथ-साथ सावधानी भी है। अतीत में सीजफायर समझौते उल्लंघन और अविश्वास के कारण टूट चुके हैं। एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने कहा, "यह एक साहसिक कदम है, लेकिन इसे टिकाऊ बनाने के लिए दोनों पक्षों को संयम और प्रतिबद्धता दिखानी होगी।"