Engineer Killed Parents: इंजीनियर ने की अपने ही मां-बाप की हत्या, फिर मदरसे में किया कुल्हाड़ी से हमला! जेहादी सोच का था शिकार? जानिए पूरा मामला
Engineer Killed Parents:पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान में एक इंजीनियर ने अपने मां-बाप की हत्या करने के बाद बनगांव के मदरसे में चार लोगों पर हमला कर दिया। पुलिस को उस पर चरमपंथी विचारधारा से जुड़ाव का संदेह है। जानें पूरी कहानी।

Engineer Killed Parents: पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले में बुधवार की सुबह जो कुछ हुआ, उसने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। जादवपुर यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री रखने वाला 35 वर्षीय हुमायूं कबीर अचानक हिंसा की राह पर उतर गया। उसने न केवल अपने मां-बाप की बेरहमी से हत्या कर दी, बल्कि उसी दिन शाम को एक मदरसे में घुसकर चार लोगों पर कुल्हाड़ी और चाकू से जानलेवा हमला भी कर डाला।
पुलिस और जांच एजेंसियों को शक है कि इस हिंसा की जड़ें हुमायूं के भीतर गहराते कट्टरपंथी जेहादी विचारों में हैं। वह पिछले कुछ महीनों से जेहादी कंटेंट देख रहा था, जिसका असर इतना गहरा हुआ कि मां-बाप के बार-बार समझाने पर उसने उनका ही गला रेत दिया।
सुबह अपने ही माता-पिता को मौत के घाट उतारा
हिंसा की यह भयावह कहानी बुधवार की सुबह काजीपारा, मेमारी से शुरू होती है। हुमायूं कबीर ने अपने पिता हाजी मुस्तफिजुर रहमान (65) और मां मुमताज बेगम (55) की गला काटकर हत्या कर दी। लेकिन यह हत्या उतनी ही क्रूर थी जितनी कि इसका कारण। पुलिस के मुताबिक, दोनों को पहले घर के अंदर मारा गया और फिर उनके खून से सने शवों को वह बाहर तक घसीट कर लाया।
स्थानीय लोगों ने जब यह दृश्य देखा, तो पुलिस को सूचना दी गई। शुरुआती जांच में पाया गया कि हत्या योजनाबद्ध थी। कुछ ही समय में पुलिस को पता चला कि आरोपी कोई अनपढ़ या बेरोजगार व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पढ़ा-लिखा, प्रशिक्षित इंजीनियर है जो पहले दिल्ली और नोएडा जैसी जगहों पर काम कर चुका था।
नौकरी छूटी, तलाक हुआ और शुरू हुई कट्टर सोच की गिरफ्त
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि हुमायूं कबीर की पांच महीने पहले नोएडा की नौकरी छूट गई थी, और एक साल पहले उसका तलाक भी हुआ था। तभी से वह डिप्रेशन में था और इंटरनेट पर जेहादी साहित्य की ओर झुकता गया। उसके लैपटॉप और मोबाइल की जांच में बार-बार ऐसे कंटेंट देखने के सबूत मिले हैं, जो हिंसा और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देते हैं।
उसके परिवार और आसपास के लोगों ने पहले भी पुलिस को इस मानसिक बदलाव के संकेत दिए थे। पड़ोसी बताते हैं कि हाल के महीनों में वह अकेले रहने लगा था और किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। मां-बाप जब भी उसे समझाने की कोशिश करते, तो वह गुस्से में आगबबूला हो जाता।
130 किलोमीटर दूर बनगांव में मदरसे पर किया जानलेवा हमला
हत्याओं के बाद हुमायूं कबीर ने लगभग 130 किलोमीटर की यात्रा कर बनगांव की ओर रुख किया। शाम करीब 6:30 बजे वह हाफिजिया खारिजिया अनाथालय मदरसे में कुल्हाड़ी और चाकू लेकर घुसा और वहां मौजूद चार लोगों पर हमला कर दिया, जिनमें दो बुजुर्ग शिक्षक भी शामिल थे। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
मदरसे में मौजूद लोगों ने जब उसे पकड़ने की कोशिश की तो वह भागने लगा, लेकिन पुलिस ने उसे वहीं धर दबोचा। पूछताछ में उसने अपना नाम और पता बताया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह वही युवक है जिसने सुबह अपने माता-पिता की हत्या की थी।
बनगांव में हिंसा, पुलिस स्टेशन पर भीड़ का हमला
जब खबर फैली कि मदरसे पर हमला करने वाला युवक एक डबल मर्डर का आरोपी है, तो बनगांव थाने के बाहर करीब 150 लोगों की भीड़ जमा हो गई। गुस्साई भीड़ ने थाने में घुसकर आरोपी को छुड़ाने की कोशिश की और वहां जमकर तोड़फोड़ की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
तीन दिन की पुलिस रिमांड, कट्टरपंथी नेटवर्क की जांच शुरू
बोंगांव के एसपी दिनेश कुमार ने बताया कि पहले आरोपी ने हत्याओं से इनकार किया, लेकिन बाद में उसने कबूल कर लिया कि उसने ही अपने मां-बाप की जान ली और मदरसे पर हमला किया। अब उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर रखा गया है ताकि उसके किसी आतंकी नेटवर्क या ऑनलाइन कट्टरपंथी संगठनों से संबंध की जांच की जा सके। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे इस घटना को सांप्रदायिक रंग न दें, क्योंकि इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। साथ ही अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।