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Bank Fraud Case: ईडी ने 1,626 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में पैराबोलिक ड्रग्स प्रमोटरों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को पैराबोलिक ड्रग्स फार्मा लिमिटेड के प्रमोटरों विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता को एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ गिरफ्तार किया है।

Bank Fraud Case: ईडी ने 1,626 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में पैराबोलिक ड्रग्स प्रमोटरों को किया गिरफ्तार
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By Npg

Bank Fraud Case प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को पैराबोलिक ड्रग्स फार्मा लिमिटेड के प्रमोटरों विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता को एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार, प्रणव और विनीत दोनों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने 1,626 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट एसके बंसल को भी गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब एजेंसी ने शुक्रवार को दिल्ली, अंबाला, पंचकुला, चंडीगढ़ और मुंबई में 15 से अधिक स्थानों पर आरोपियों से जुड़े कार्यालयों और आवासीय परिसरों की तलाशी ली।

ईडी सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी को मामले में कुछ नए सुराग मिले हैं और कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट भी वित्तीय जांच एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। रियल एस्टेट और शराब कारोबार से जुड़े कुछ लोग भी ईडी की नजर में हैं और एजेंसी जल्द ही पैराबोलिक ड्रग्स के साथ उनके जुड़ाव की पुष्टि करेगी।

सूत्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में एजेंसी कुछ और गिरफ्तारियां कर सकती है। ईडी का मामला चंडीगढ़ स्थित पैराबोलिक ड्रग्स के खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई) के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से 1626.74 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के लिए दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है।

जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है कि उसमें अशोक विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक प्रणव और विनीत गुप्ता भी शामिल हैं। प्रणव गुप्ता पैराबोलिक ड्रग्स के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जबकि विनीत फर्म के निदेशकों में से एक हैं।

सीबीआई ने जिन अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उनमें निदेशक दीपाली गुप्ता, रमा गुप्ता, जगजीत सिंह चहल, संजीव कुमार, वंदना सिंगला, इशरत गिल, फर्म के गारंटर टीएन गोयल, निर्मल बंसल और जेडी गुप्ता शामिल हैं। सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, यह फर्म दवाओं के निर्माण में लगी थी। इसने कथित तौर पर आपराधिक साजिश और जालसाजी से बैंकों के संघ को धोखा दिया, और अन्य उद्देश्यों के लिए लिए गए ऋणों को फनल कर दिया।


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