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Artificial Heart: अमेरिका ने तैयार किया टाइटेनियम का कृत्रिम हृदय, टाइटेनियम हृदय के साथ 8 दिनों तक जिंदा रहा मरीज

Artificial Heart: अभी तक आप हॉलीवुड फिल्मों में ही धातु से बने दिल की कल्पना करते आए होंगे, लेकिन अब अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इसे हकीकत बना दिया है।

Artificial Heart: अमेरिका ने तैयार किया टाइटेनियम का कृत्रिम हृदय, टाइटेनियम हृदय के साथ 8 दिनों तक जिंदा रहा मरीज
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By Ragib Asim

Artificial Heart: अभी तक आप हॉलीवुड फिल्मों में ही धातु से बने दिल की कल्पना करते आए होंगे, लेकिन अब अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इसे हकीकत बना दिया है। उन्होंने टाइटेनियम से कृत्रिम हृदय तैयार किया है, जिसे 58 साल के एक मरीज के खराब हृदय की जगह प्रत्यारोपित किया गया।

दुनिया का पहला कृत्रिम हृदय ट्रांसप्लांट

चिकित्सकों के अनुसार, यह कृत्रिम हृदय 8 दिनों तक मरीज के शरीर में बेहतरीन तरीके से काम करता रहा। यह दुनिया का पहला मामला है जब किसी मरीज को कृत्रिम हृदय का ट्रांसप्लांट किया गया है।

टोटल आर्टिफिशियल हार्ट: एक नई शुरुआत

रिपोर्ट के मुताबिक, इस टाइटेनियम हृदय को अमेरिका के खाद्य-औषधि प्रशासन (FDA) की निगरानी में टेक्सास हार्ट इंस्टीट्यूट (THI) द्वारा तैयार किया गया। इसे बायलर सेंट ल्यूक मेडिकल सेंटर में बिना किसी जटिलता के प्रत्यारोपित किया गया। हालांकि, यह हृदय असली दिल की तरह धड़कता नहीं है, लेकिन इसे लंबे समय तक काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।

कैसे काम करता है टाइटेनियम हृदय?

यह टोटल आर्टिफिशियल हार्ट प्रति मिनट 12 लीटर रक्त पंप करता है और इसमें केवल रोवर मूवमेंट होता है। इस चुंबकीय रोवर के जरिए यह हृदय मरीज के शरीर में खून की पंपिंग करता है। इसे पावर देने के लिए एक छोटा कंट्रोलर मरीज के पेट पर लगाया जाता है। THI के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस कृत्रिम हृदय के और परीक्षण सफल होते हैं, तो हार्ट ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में एक नई क्रांति आ सकती है।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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