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APAAR ID Card: क्या है अपार आईडी कार्ड, इसे ऑनलाइन कैसे बनवाएं, पूरी जानकारी यहां पढ़ें

APAAR ID Card: NEP 2020 के तहत शुरू हुई APAAR ID छात्रों का डिजिटल एजुकेशन कार्ड है। जानें इसे ऑनलाइन कैसे बनवाएं, स्टेप्स, फायदे और आधिकारिक वेबसाइट लिंक।

APAAR ID Card: क्या है अपार आईडी कार्ड, इसे ऑनलाइन कैसे बनवाएं, पूरी जानकारी यहां पढ़ें
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By Ragib Asim

APAAR ID Card: नई दिल्ली: अपार आईडी कार्ड (APAAR ID Card) भारत सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy - NEP 2020) के तहत लॉन्च की गई एक यूनिक पहचान प्रणाली है। इसका पूरा नाम है Automated Permanent Academic Account Registry (ऑटोमेटेड परमानेंट अकैडमिक अकाउंट रजिस्ट्री)।

यह एक डिजिटल स्टूडेंट आईडी कार्ड (Digital Student ID Card) है, जिसमें किसी भी छात्र के सभी अकादमिक रिकॉर्ड्स, अवॉर्ड्स और क्रेडिट्स डिजिटली सेव रहते हैं। सरकार ने इसे वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी (One Nation, One Student ID)
के विज़न के तहत लागू किया है।

क्या है APAAR ID कार्ड?

APAAR ID एक यूनीक स्टूडेंट डिजिटल नंबर (Unique Student Digital ID) है जो छात्रों की पूरी शिक्षा यात्रा (Educational Journey) को डिजिटली ट्रैक करता है। इसमें निम्न जानकारियाँ होती हैं-
छात्र का नाम, उम्र, आधार नंबर से जुड़ी जानकारी
स्कूल या कॉलेज का नाम और UDISE कोड
पढ़े गए विषय, परीक्षा परिणाम और प्राप्त अंक
छात्र को मिले सर्टिफिकेट या अवॉर्ड
हेल्थ और बेसिक डिटेल जैसे वजन, ऊंचाई आदि
हर छात्र के लिए यह आईडी स्थायी (Permanent) होती है चाहे वो स्कूल बदले, कॉलेज जाए या कोर्स बदल ले, उसके सभी रिकॉर्ड एक ही आईडी नंबर से जुड़े रहते हैं।

क्या जरूरी है माता-पिता की सहमति (Parental Consent)?

हाँ। APAAR ID बनाने से पहले माता-पिता की सहमति जरूरी है क्योंकि इसमें बच्चे की पर्सनल जानकारी सेव होती है। इसके लिए Parental Consent Form भरना होता है।

कंसेंट फॉर्म कैसे भरें:

जाएं https://apaar.education.gov.in/
‘Resources’ सेक्शन में जाकर “Parental Consent Form” डाउनलोड करें।
सभी डिटेल्स भरें, साइन करें और स्कूल में जमा करें।
स्कूल प्रशासन यह डेटा शिक्षा मंत्रालय के सर्वर पर अपलोड करता है।

APAAR ID कैसे बनवाएं — Step-by-Step Process

ABC वेबसाइट पर जाएं: https://www.abc.gov.in/
My Account में Student पर क्लिक करें।
DigiLocker से लॉगिन करें या नया अकाउंट बनाएं।
रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर और मोबाइल नंबर की जरूरत होगी।

KYC Verification करें:

आधार के जरिए OTP से वेरिफाई करें।

शैक्षणिक जानकारी भरें:

स्कूल का नाम, क्लास, बोर्ड या यूनिवर्सिटी आदि की जानकारी दर्ज करें।

सबमिट करें:

विवरण भरने के बाद सबमिट करें, आपकी APAAR ID Auto-Generate हो जाएगी।

APAAR Card डाउनलोड करें:

दोबारा लॉगिन करें Dashboard में Download APAAR Card पर क्लिक करें
PDF डाउनलोड करें या प्रिंट निकालें।

APAAR ID के फायदे (Benefits of APAAR ID)

डिजिटल एजुकेशन रिकॉर्ड (Digital Academic Record):
छात्र की पूरी शिक्षा एक ही जगह सेव रहेगी।
क्रेडिट ट्रांसफर (Credit Transfer System):
कोर्स या कॉलेज बदलने पर भी पुराना रिकॉर्ड नहीं खोएगा।
एडमिशन में सुविधा (Easy Admissions):
किसी नए संस्थान में एडमिशन के समय दस्तावेज़ ऑटो-फेच हो जाएंगे।
सेफ और सिक्योर (Safe & Verified):
डेटा सरकार के सुरक्षित सर्वर पर स्टोर रहेगा।
भविष्य में स्कॉलरशिप और जॉब के लिए मददगार:
एजुकेशनल वेरिफिकेशन अब सिर्फ एक क्लिक में संभव होगा।

कितने छात्रों को मिला है APAAR ID?

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2025 तक 31 करोड़ से अधिक छात्र (31 Crore+ Students) APAAR सिस्टम में रजिस्टर हो चुके हैं। राज्यों को इसे स्कूल स्तर पर सक्रिय रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

क्या APAAR ID बनवाना अनिवार्य है?

फिलहाल यह अनिवार्य नहीं, लेकिन सभी राज्यों को अपने स्कूलों में इसे लागू करने की सलाह दी गई है। भविष्य में यह आईडी एडमिशन, स्कॉलरशिप और सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए जरूरी हो सकती है।

क्यों ज़रूरी है अपार आईडी सिस्टम

यह नीति छात्रों को आज़ादी, ट्रांसपेरेंसी और तकनीकी सुविधा देने का प्रतीक है। APAAR ID से छात्रों को अब अपने हर प्रमाण पत्र और रिकॉर्ड के लिए किसी संस्था पर निर्भर नहीं रहना होगा उनका Digital Education Identity Card ही उनकी पूरी अकैडमिक कहानी बताने के लिए पर्याप्त होगा।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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