एनपीजी डेस्क। एयरपोर्ट पर 50 यात्रियों को छोड़कर उड़ान भरने के मामले में गो फर्स्ट कंपनी ने अपनी गलती पर माफी मांगी है। कंपनी ने इस असुविधा के लिए खेद प्रकट करते हुये सभी प्रभावित यात्रियों को अगले 12 महिनों में किसी भी घरेलु उड़ान के लिए मुफ्त टिकट देने का फैसला लिया है।
दरअसल ये पूरा मामला बेंगलुरु हवाईअड्डे के सोमवार सुबह करीब 5.45 बजे का है। बेंगलुरु से 50 यात्रियों को दिल्ली जाने वाली गो फर्स्ट की फ्लाइट G8-116 में सवार होना था। सिक्योरिटी चेकिंग के बाद यात्रियों को विमान तक ले जाने के लिए कुल चार बसें भेजी गई थीं। पहली दो बस आगे निकल गईं। फ्लाइट G8 116 ने सुबह करीब 6.30 बजे उड़ान भरी, जिसने 50 से अधिक यात्री को छोड़ दिया।
इस लापरवाही को लेकर DGCA ने गो फर्स्ट से इस पर स्पष्टीकरण मांगा कि उसने लगभग 50 यात्रियों को बस में टरमैक पर क्यों छोड़ दिया? इस जवाब को देने के लिए DGCA ने एयरलाइन कंपनी के COO को दो हफ्तों का समय दिया।
कई यात्रियों के द्वारा ट्विटर पर इस मामले की शिकायत की गयी थी. गो फर्स्ट एयरलाइन, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय को टैग करते हुए ट्विटर पर की गई शिकायतों के अनुसार, बेंगलुरु से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट G8 116 ने सुबह करीब 6.30 बजे उड़ान भरी, जिसने 50 से अधिक यात्री को छोड़ दिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, गो फर्स्ट ग्राउंड के एक कर्मचारी ने कहा कि 50 यात्रियों को फिर से सिक्योरिटी चेक करवाना पड़ा। इसके बाद उन्हें सोमवार सुबह 10 बजे की दूसरी फ्लाइट से दिल्ली भेजा गया। सभी यात्री दोपहर 2 बजे के आसपास दिल्ली पहुंचे। उन्हें तब उनके बैग वापस दिए गए।
ट्विटर पर श्रेया सिन्हा नाम की एक यूजर ने इसे अपना Go First के साथ सबसे भयानक एक्सपीरिएंस बताया। उन्होंने बताया कि 50 से अधिक पैसेंजर 5.35 पर विमान में जाने के लिए बस में चढ़े और 6.30 बजे तक उन्हें बस में ही रोका गया. लापरवाही की पराकाष्ठा!