Air India Plane Crash: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा एयर इंडिया विमान हादसा, दो डाक्टरों ने सीजेआई को लिखकर स्वत: संज्ञान लेने की मांग, पढ़िए चिकित्सकों ने सीजेआई से क्या मांग की
देश को झकझोरने वाले एयर इंडिया विमान हादसा अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दो चिकित्सकों ने सीजेआई Chief Justice Of India को पत्र लिखकर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई करने की मांग की है।

Supreme Court
दिल्ली। एयर इंडिया विमान हादसा ने देश को झकझोर कर रख दिया है। हादसे में किसी ने अपनी मांग का सिंदूर खो दिया तो किसी ने अपने घर का चिराग। दुर्घटना में मृत लोगों के परिजनों के ऊपर दुख का पहाड़ टूट गया है। इस घटना के बाद देश स्तब्ध है। हादसे से उबरने में पीड़ित परिवार को वर्षों लग जाएंगे। हालांकि एयर इंडिया और टाटा ने मुआवजा की घोषणा कर दी है। इस बीच दो चिकित्सकों ने सीजेआई को पत्र लिखकर हृदय विदारक घटना को स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रुप में सुनवाई करने की गुहार लगाई है। चिकित्सकों ने सीजेआई से मांग की है कि केंद्र सरकार को पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवज़ा देने के निर्देशित करने व हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए गहन जांच की मांग की है।
डॉ ध्रुव चौहान व डॉ सौरव कुमार ने सीजेआई को लिखे पत्र में त्रिवेणी कोडकनी बनाम एयर इंडिया लिमिटेड और अन्य के मामले में 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है। 2010 में हुए मैंगलोर विमान दुर्घटना से संबंधित याचिका दायर की गई थी,जिसमें मुआवजा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जरुरी दिशा निर्देश जारी किया था। पत्र में पूर्व के फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए गाइड लाइन का हवाला दिया है। इसी के अनुरुप मुआवजा निर्धारण की मांग चिकित्सकों ने की है।
आय गणना: कंपनी की कुल लागत (सीटीसी) को मुआवज़े की गणना के लिए वार्षिक आय के रूप में माना जाना चाहिए, न कि टेक-होम वेतन। भविष्य की संभावनाएं: 40-50 वर्ष की आयु के कर्मचारियों के लिए भविष्य की संभावनाओं के लिए 30% की वृद्धि, अन्य आयु समूहों के लिए आनुपातिक समायोजन के साथ। व्यक्तिगत व्यय: आश्रितों की संख्या के आधार पर व्यक्तिगत व्यय के लिए उचित कटौती (2-3 आश्रितों के लिए 1/3, 3 से अधिक आश्रितों के लिए 1/4)। 4. गुणक अनुप्रयोग: स्थापित बीमांकिक तालिकाओं के अनुसार मृतक की आयु के आधार पर उपयुक्त गुणक का अनुप्रयोग। ब्याज अवार्ड: दुर्घटना की तिथि से वास्तविक भुगतान तक 7.5% प्रति वर्ष की दर से ब्याज का अवार्ड। गैर-आर्थिक क्षति: संघ की हानि, दर्द और पीड़ा के लिए अतिरिक्त मुआवज़ा। उन्होंने तर्क दिया, हालांकि एयर इंडिया प्राथमिक दायित्व वहन करती है, लेकिन आपदा की भयावहता को देखते हुए तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
बीजे मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर के परिवार को भी मिले मुआवजा-
चिकित्सकों ने अपने पत्र में मुआवजा को लेकर कहा है कि मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, 1999 के तहत मुआवजे की मात्रा, जो लगभग 200,000 अमेरिकी डॉलर प्रति यात्री है, पर्याप्त नहीं हो सकती है। उन्होंने केंद्र सरकार को विमान दुर्घटना के पीड़ितों के परिवारों को 50 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का निर्देश देने की मांग की, जिसमें बीजे मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं, जहां विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।
चिकित्सकों ने सीजेआई से की ये मांग-
केंद्र सरकार को त्रिवेणी कोडकनी बनाम एयर इंडिया लिमिटेड और अन्य प्रकरणों में निर्धारित सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए पीड़ितों के परिवार को अंतिम मुआवजा देने और उनका आकलन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के रिटायर जजों, विमानन विशेषज्ञों, एक्चुअरी और अर्थशास्त्रियों की एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दें। परिवार को लंबी मुकदमेबाजी से गुजरने की आवश्यकता के बिना एयर इंडिया लिमेटेड को मुआवजे के दावों के निपटारे में तेजी लाने का निर्देश दें। केंद्र सरकार को मृतक के पात्र परिवार के सदस्यों को रोजगार के अवसर सहित अतिरिक्त पुनर्वास सहायता प्रदान करने का निर्देश दें। संबंधित अधिकारियों को दुर्घटना के कारणों की गहन जांच करने और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दें।
