अहमदाबाद विमान हादसा: कैप्टन सुमित के पिता हादसे की जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट, SC दायर की याचिका, की निष्पक्ष जांच की मांग
Ahmedabad plane crash: बीते 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे का शिकार हो गई थी। इस दर्दनाक दुर्घटना में 260 लोगों की जान गई, जिनमें पायलट-इन-कमांड कैप्टन सुमित सभरवाल भी शामिल थे।

Ahmedabad plane crash
नई दिल्ली। बीते 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे का शिकार हो गई थी। इस दर्दनाक दुर्घटना में 260 लोगों की जान गई, जिनमें पायलट-इन-कमांड कैप्टन सुमित सभरवाल भी शामिल थे। अब उनके 91 वर्षीय पिता पुष्करराज सभरवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका आरोप है कि सरकारी जांच रिपोर्ट झूठी है और उनके बेटे को गलत तरीके से दोषी ठहराया गया है।
पिता ने न्यायिक जांच की मांग
पुष्करराज सभरवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि, इस हादसे की स्वतंत्र और न्यायिक निगरानी में जांच होनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि, AAIB की रिपोर्ट को खारिज किया जाए और एक नई निष्पक्ष जांच समिति बनाई जाए, जिसमें तकनीकी विशेषज्ञ और रिटायर्ड जज शामिल हों।
क्या था सरकारी रिपोर्ट में?
सरकारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, कैप्टन सभरवाल ने उड़ान के बाद इंजनों की ईंधन आपूर्ति बंद कर दी थी, जिससे यह हादसा हुआ। लेकिन परिवार और पायलट संगठन का कहना है कि, यह आरोप पूरी तरह से गलत है। रिपोर्ट में बोइंग 787 के CCS सॉफ्टवेयर सिस्टम और इलेक्ट्रिकल फॉल्ट की जांच ही नहीं की गई थी।
तकनीकी खराबी की ओर इशारा
याचिका में बताया गया है कि, हादसे के वक्त विमान का Ram Air Turbine (RAT) अपने आप खुल गया था। यह तभी होता है जब विमान की बिजली या कंट्रोल सिस्टम फेल हो जाए। ऐसे में सवाल उठता है कि, अगर तकनीकी खराबी थी तो पायलट को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है?
FIP का समर्थन
इस याचिका को Federation of Indian Pilots (FIP) का भी समर्थन मिला है। यह संगठन लगभग 5,000 पायलटों का प्रतिनिधित्व करता है। FIP का कहना है कि, जांच में कई अहम तकनीकी पहलुओं को नजरअंदाज किया गया है। उनका कहना है कि, पायलटों को दोषी ठहराने की बजाय सिस्टम की गहराई से जांच होनी चाहिए।
अमेरिकी अधिकारियों की शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया कि, कॉकपिट की आवाजों से पता चलता है कि कैप्टन सभरवाल ने ईंधन प्रवाह बंद किया था। लेकिन परिवार और FIP का कहना है कि, सिर्फ ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर निष्कर्ष निकालना गलत है। पूरे सिस्टम की जांच जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बाकी
पुष्करराज सभरवाल का कहना है, "मेरे बेटे की मौत के बाद उसकी इज्जत को मिट्टी में मिलाया जा रहा है। अगर तकनीकी खराबी थी, तो उसे दोषी क्यों बनाया गया? हमें सिर्फ न्याय चाहिए।" फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक इस याचिका पर सुनवाई बाकी है।
